45 पैसे में 10 लाख का इंश्योरेंस दे रहा IRCTC, जाने हादसे के बाद कैसे करना होता है क्लेम?
नई दिल्ली
रेल हादसों में लोगों के मरने की खबरें सामने आती रहती हैं. अगर आप भी ट्रेन से सफर करते हैं तो आपको रेलवे से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए. बता दें कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) की तरफ से jरेल यात्रियों को ट्रेन टिकट पर 10 लाख रुपये तक का ट्रैवल इंश्योरेंस मिलता है. आइए जानते हैं आपको कैसे इसका फायदा मिलेगा.
टिकट बुक करते समय रखें ध्यान
IRCTC की तरफ से ट्रेन से यात्रा करने वालों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती है. जिसमें ट्रैवल इंश्योरेंस भी शामिल है. ट्रैवल इंश्योरेंस का फायदा लेने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. जैसे जब भी आप ट्रेन से सफर करने के लिए टिकट बुक करें तो आपको ट्रेन ट्रैवल इंश्योरेंस का ऑप्शन दिखेगा. आपको ट्रैवल इंश्योरेंस का ऑप्शन चुनना होगा. इस इंश्योरेंस का फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिन्होंने ऑनलाइन टिकट कराया हो.
इसके साथ ही एक PNR पर जितने भी टिकट कराएं गए हों उन सभी यात्रियों को इसका लाभ मिलता है. यात्रियों को एक बात और ध्यान रखनी चाहिए कि अगर आपका टिकट कंफर्म या RAC होता है तभी आपको इसका फायदा मिलेगा. कंफर्म न होने की स्थिति में आप इंश्योरेंस के लिए क्लेम नहीं कर सकते हैं.
कैसे मिलेगा ट्रैवल इंश्योरेंस का फायदा?
हर दिन भारतीय रेलवे से लाखों लोग सफर करते हैं. कई बार ट्रेन हादसा हो जाता है. ऐसे में उस ट्रेन में सफर करने वाले लोगों ने अगर टिकट बुक करते समय ट्रैवल इंश्योरेंस लिया होगा तो वे ट्रैवल इंश्योरेंस के लिए क्लेम कर सकते हैं. अगर टिकट बुक करते समय ट्रैवल इंश्योरेंस का ऑप्शन नहीं चुना है तो आप इसके लिए क्लेम नहीं कर सकते. इसके साथ ही अगर रेलवे का टिकट ऑनलाइन खरीदा है तभी आपको ट्रैवल इंश्योरेंस का फायदा मिलेगा. ऑफलाइन टिकट खरीदने वालों को इसका लाभ नहीं मिलेगा.
कितना आता है खर्च?
ट्रेन हादसा होने पर यात्री अगर घायल होता है तो उसे 7.5 लाख रुपए का बीमा कवर मिलता है. साथ ही हॉस्पिटल के लिए इलाज के लिए 2 लाख रुपए का इलाज मुफ्त होता है. वहीं, अगर यात्री कि मौत हो जाती है या उसे स्थायी विकलांगता हादसे में होती है तो उसके परिजनों को या उसे 10 लाख रुपए का बीमा मिलता है. बता दें, इस बीमा के लिए वो ही क्लेम कर सकते हैं जिन्होंने 35 पैसे वाला बीमा ले रखा है. बता दें, टिकट कराते समय आपको नॉमिनी की डिटेल सही से भरनी चाहिए.
कैसे मिलता है क्लेम
अगर कभी हादसा होता है, उस दौरान जिन भी यात्रियों ने टिकट कराते समय ट्रेवल इंश्योरेंस लिया होगा। उन्हें इस बीमा के तहत 10 लाख रुपए मिलेंगे. हालांकि, इसको क्लेम करने का तरीका अलग है. रेलवे ये पैसे नहीं देता है बल्कि ट्रेवल इंश्योरेंस जिस कंपनी ने किया है वो ये बीमा कवर देती हैं.
सही से दर्ज करें नॉमिनी की डिटेल
ट्रेन ट्रैवल इंश्योरेंस लेने के लिए आपको सिर्फ 45 पैसे खर्च करने होंगे. सिर्फ 45 पैसे के खर्च से आपको 7 से 10 लाख तक का इंश्योरेंस कवर दिया जाता है. इस यात्रा के दौरान अगर किसी यात्री की मौत हो जाती है या विकलांग हो जाता है तो रेलवे की तरफ से उसके परिजनों को 10 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाता है. इसके लिए आपको टिकट बुक कराते समय नॉमिनी की डिटेल सही से भरनी होगी.
इसके साथ ही टिकट लेते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना होगा कि नॉमिनी की डिटेल भरते समय अपना मेल आईडी ही डालें. कई बार लोग एजेंट से टिकट कराते हैं, ऐसी कंडीशन में भी आप एजेंट को अपना नंबर और ई-मेल आईडी डालने को कहें. ऐसा करने से हादसे की स्थिति में क्लेम करने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
कब तक कर सकते हैं इंश्योरेंस के लिए क्लेम?
अगर आप ट्रैवल इंश्योरेंस का लाभ लेना चाहते हैं तो हादसे के 4 महीने के अंदर नॉमिनी या बेनेफिशियरी को इसके लिए क्लेम करना होगा. आपने जिस कंपनी का इंश्योरेंस लिया है उस कंपनी को जल्द से जल्द सारी डिटेल देनी होगी. क्लेम करने के कुछ दिन बाद ही आपको इंश्योरेंस का पैसा मिल जाएगा.
चोट के लिए 2 लाख… मृत्यु पर 10 लाख
इंडियन रेलवे एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन की वेबसाइट के मुताबिक, अगर यात्रा के दौरान किसी यात्री की मौत हो जाती है तो उसके परिवार के लोगों को 10 लाख तक की राशि दी जाएगी. अगर यात्रा के दौरान अगर कोई यात्री पूरी तरीके से विकलांग हो जाते है तो उसे भी 10 लाख तक का कवर दिया जाएगा. इसके अलावा आंशिक विकलांगता होने पर 7,50,000 का इंश्योरेंस, घायल होने पर 2 लाख का खर्च दिया जाता है. इसके अलावा मामूली रूप से घायल होने पर यात्रियों को 10 हजार तक की राशि दी जाती है.
आवश्यक दस्तावेज़
बीमा का दावा करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक हैं:
- रेल अधिकारियों से दुर्घटना की पुष्टि।
- नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित दुर्घटना दावा फ़ॉर्म।
- दुर्घटना से पहले और बाद में विकलांग यात्री की तस्वीरें।
- अस्पताल में भर्ती होने के दस्तावेज।
- अंतिम डॉक्टर की रिपोर्ट।
- सभी बिलों पर हस्ताक्षर और मुहर होनी चाहिए।
- मृत्यु के मामले में मृतक यात्री का विवरण देने वाली आधिकारिक रिपोर्ट।
दावा घटना के चार महीने के भीतर प्रस्तुत किया जाना चाहिए। यह बीमा रेलवे दुर्घटनाओं से प्रभावित लोगों को आर्थिक रूप से सहायता करने का एक तरीका प्रदान करता है, जिससे कठिन समय के दौरान कुछ राहत सुनिश्चित होती है।