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फर्जी डिग्रियों की जांच के बाद की गई अनुशंषा पर चूरू की OPJS यूनिवर्सिटी के सभी पाठ्यक्रमों में नए प्रवेश पर रोक

जयपुर
उच्च शिक्षा विभाग ने चूरू में ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश पर रोक लगा दी है। यूनिवर्सिटी में परीक्षा और प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितताएं होने व फर्जी डिग्रियों की जांच के बाद की गई अनुशंषा पर उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव सुबीर कुमार ने प्रवेश पर रोक के आदेश जारी किए हैं। इस मामले में गठित जांच जांच समिति ने विभाग को प्रस्तुत अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट में बताया कि ओपीजेएस विश्वविद्यालय, चुरू अधिनियम, 2013 के विभिन्न प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है। डी. फार्मा पाठ्यक्रम का संचालन सम्बद्ध संस्थानों के माध्यम से कराया गया है जो विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 7 का उल्लंघन है। विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया अधिनियम की धारा 32 के अनुसार नहीं की गई है।

रिपोर्ट में बताया कि परीक्षाएं, परीक्षा परिणामों में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं जो कि अधिनियम की धारा 34 एवं 35 का उल्लंघन है। विश्वविद्यालय में कोई भी नियमित पाठ्यक्रम विधि अनुरूप संचालित नहीं है। जांच समिति ने विभिन्न अनुशंषाओं के साथ विश्वविद्यालय के समस्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की अनुशंषा की है। इसके तहत ओ.पी.जे.एस. विश्वविद्यालय, चुरू में समस्त पाठ्यक्रमों में नवीन प्रवेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाती है।

ऐसे सामने आया फर्जीवाड़ा-:
हाल ही राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर एवं राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर द्वारा आयोजित विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में सम्मिलित हुए अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच/सत्यापन के दौरान ओ.पी.जे.एस. विश्वविद्यालय, चुरू की अनेक डिग्रीयां फर्जी होने के तथ्य संज्ञान में आए। एसओजी पुलिस ने भी उक्त विश्वविद्यालय द्वारा बिना अध्यापन के कूटरचित तरीके से डिग्रीयां जारी करने के प्रकरण उजागर किए थे। प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए ओपीजेएस विश्वविद्यालय, चुरू अधिनियम, 2013 की धारा 44 की उप धारा 2 एवं 3 के तहत विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं की जांच की गई।

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