राजस्थान सरकार उठाएगी टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्च
जयपुर.
प्रदेश में नि:संतान दंपतियों के इलाज से जुड़ी एक खुशखबरी है। टेस्ट ट्यूब बेबी के इलाज में आने वाले भारी-भरकम खर्च से उन्हें जल्द ही मुक्ति मिल सकती है। सरकार विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी आईवीएफ तकनीक से उपचार को मुख्यमंत्री चिरंजीवी और आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने की तैयारी कर रही है।
विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी आईवीएफ ट्रीटमेंट को सरकार अपनी बीमा योजना में शामिल करने पर विचार कर रही है। इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय की तरफ से कवायद शुरू कर दी गई है। निदेशालय की तरफ से सरकार के राजकेयर IVF सेंटर, महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट, जयपुर तथा एम्स जोधपुर को लिखे पत्र में आयुष्मान भारत व चिरंजीवी योजना का उल्लेख करते हुए IVF तकनीक एवं इसके उपचार पर होने वाले खर्च से जुड़ी जानकारी मांगी गई है। राजस्थान में आईवीएफ तकनीक से उपचार की लागत 90 हजार से तीन लाख तक बताई जाती है। आर्थिक रूप से सक्षम तो इस इलाज का खर्च वहन कर सकते हैं लेकिन गरीबों के लिए यह बूते से बाहर की बात हो जाती है। ऐसे में सरकार ने इसे अपनी बीमा योजना में शामिल करने पर विचार किया है। संभवत: आने वाले बजट में सरकार इसकी घोषणा कर दे।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी IVF को तत्कालीन मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल करने की घोषणा की थी। मौजूदा सरकार इसे सही तरीके से लागू करती है तो यह निम्न आय वर्ग वाले दंपतियों के लिए वरदान हो सकती है। वर्तमान में कोई भी बीमा कंपनी, चाहे वह सरकारी हो या निजी, इन खर्चों को कवर नहीं करती है।