मध्यप्रदेश

दमोह पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले में मृतक और घायलों के परिजनों को शासन की ओर से सहायता राशि जारी हुई

दमोह

दमोह शहर के बड़ा पुल स्थित अवैध पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले में मृतक और घायलों के परिजनों को आठ महीने बाद शासन की ओर से सहायता राशि जारी हुई है। पूर्व वित्त मंत्री और दमोह विधायक जयंत मलैया ने इस राशि का वितरण करते हुए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को धन्यवाद दिया है। मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख और घायलों को एक एक लाख की सहायता राशि मिली है।

30 अक्टूबर को हुआ था ब्लास्ट
बता दें बड़ा पुल पर संचालित अवैध पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में फैक्ट्री मालिक सहित 6 महिलाओं की मौत हुई थी और आठ महिलाएं घायल हुई थी। तभी से मृतक और घायलों के परिजन शासन, प्रशासन से सहायता राशि की मांग कर रहे थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वेच्छानुदान मद से मृतकों और घायलों के परिजनों के लिये 32 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की है।

विधायक जयंत मलैया ने किये चेक वितरित
मंगलवार को कलेक्टर सभाकक्ष में विधायक एवं पूर्व मंत्री जयंत कुमार मलैया ने सहायता राशि के चेक वितरित किये। उन्होंने कहा विधानसभा चुनाव के समय एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी। पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 06 लोग मृत और 08 लोग घायल हुए थे। इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से बात की गई। इसके बाद कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने शासन को पत्र भेजे और बात भी की। कलेक्टर का फोन आया राशि आ गई है, तो मैंने कहा बहुत विलंब हो गया अब और विलंब नहीं करना। सबको बुलाकर आज ही 4-4 लाख रुपए की राशि मृतकों के परिजनों को और 1-1 लाख रुपए की राशि घायलों को कुल मिलाकर 32 लाख रुपए की राशि दी गई है। उन्होंने कहा मैं इस क्षेत्र का विधायक होने के नाते और आप सभी की ओर से मुख्यमंत्री को बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार व्यक्त करता हूं।

इन मतकों के परिजनों को मिली राशि।
मृतकों में रिंकी कोरी, उमा कोरी, अपूर्वा खटीक, विनीता राजपूत, रामकली कोष्ठी एवं प्रेमलता चक्रवर्ती के परिजनों को 4-4 लाख रूपये की राशि प्रदान की गई है। वहीं घायलों में चंद्ररानी पति लक्ष्मी प्रसाद, पुष्पा पति खेमचंद्र चक्रवर्ती, मोहनी पति मुरली रैकवार, रचना पति कमल प्रसाद, विमला पति घनश्याम, आरती पति परषोत्तम, सुशीला पति सुखचंद व नेहा पति दुर्गादास को 1-1 लाख रूपये की राशि प्रदान की गई है। सहायता राशि मिलने के बाद परिजनों को कुछ राहत मिली है, क्योंकि घायलों का अभी तक इलाज चल रहा है और मृतकों व घायलों के परिजनों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है।

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