छत्तीसगड़

डेंगू के प्रकोप से स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप, दंतेवाड़ा में मिले 30 पॉजिटिव

दंतेवाड़ा
छत्तीसगढ़ के बस्तर में तेजी से डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. मानसून से पहले जांच के दौरान बड़ी संख्या में लोग डेंगू से पॉजिटिव पाए गए हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग पॉजिटिव आने वाले मरीजों का तत्काल ही ईलाज शुरू कर रहा है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में मानसून के पहले ही बड़ी संख्या में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की मिलने की पुष्टि से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है. डेंगू की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे और महिला और बुजुर्ग आ रहे हैं.

ग्रामीणों ने लगाए ये आरोप
बढ़ते डेंगू को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि गांवों में दवा का छिड़काव नहीं होने से और कई ग्रामवासियों को मच्छरदानी नहीं मिलने की वजह से उन्हें मच्छरों के बीच रहना पड़ रहा है. जिसके चलते खासकर छोटे बच्चे मलेरिया और डेंगू की चपेट में आ रहे हैं.

दंतेवाड़ा जिले में 30 से ज्यादा लोग डेंगू से ग्रसित
स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अकेले दंतेवाड़ा जिले में ही अब तक 30 से ज्यादा डेंगू पॉजिटिव मरीज मिलने की पुष्टि हुई है. इसमें बड़ी संख्या में एनएमडीसी के कर्मचारी भी हैं, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है. इसके अलावा बस्तर जिले में भी डेंगू ने दस्तक दे दी है. शनिवार को डेंगू से 2 पॉजिटिव मरीज मिलने की पुष्टि हुई है. इन दोनों ही मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां उनका इलाज जारी है.

वहीं 10 मरीजों के नमूने जांच के लिए दंतेवाड़ा से जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज भिजवाए गए हैं जहां 8 अन्य लोगों के पॉजिटिव आने की जानकारी मिली है. हालांकि अब तक दंतेवाड़ा स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की है. दंतेवाड़ा जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय बसाख का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के पास डेंगू से निपटने के लिए पर्याप्त दवा है. लेकिन बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में जागरूकता के अभाव के वजह से डेंगू का प्रकोप बढ़ा है. फिलहाल विभाग के लोगो के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

बस्तर में 2 सालों में 6 लोगों की डेंगू से हुई मौत
बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें विभाग की ओर से मच्छरदानी नहीं मिली है, और न ही डेंगू से बचने के लिए गांवो में दवा का छिड़काव किया जा रहा है. यही हाल शहरी क्षेत्र का भी है जहां डेंगू से बचाव के लिए दवा का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. जागरूकता का भी अभाव है. जिसके चलते तेजी से मच्छर पनप रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले दो सालों में ही बस्तर संभाग के जिलो में डेंगू से 6 लोगों की जान चली गई है. जबकि 1500 से अधिक डेंगू से पॉजिटिव मरीज मिलने की पुष्टि हुई है. वही इस साल भी मानसून से पहले बड़ी संख्या में बस्तर में डेंगू से पॉजिटिव मरीजों की मिलने की पुष्टि हो रही है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इससे निपटने के लिए सारी तैयारी पहले से ही दुरुस्त करने का दावा कर रहे है.

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