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‘नीट पेपर लीक के सबूत मिले, फिर भी रद्द क्यों नहीं की परीक्षा’: पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत

जयपुर.

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नीट परीक्षा के मुद्दे पर एनडीए सरकार को आड़े हाथों लिया है। गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि एनटीए द्वारा आयोजित नेट परीक्षा की गड़बड़ियों को स्वीकार कर पेपर रद्द कर दिया गया। लेकिन नीट परीक्षा में पेपर लीक और बेईमानी के सबूत मिलने के बावजूद इसे रद्द नहीं किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीट पेपर लीक के आरोपी विद्यार्थियों ने कबूल किया है कि उन्हें पेपर एक रात पहले ही मिल गया था।

गहलोत ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं है। वहां ऐसी शिकायतें आने पर बीजेपी राजनीतिक फायदे के लिए भ्रामक प्रचार करती है। लेकिन यहां सब कुछ साफ-साफ दिखाई देने के बाद भी भाजपा और एनटीए मौन धारण किए हुए हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान में उनकी सरकार ने 26 लाख अभ्यर्थियों वाली रीट परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित की थी। इसके बावजूद पेपर लीक की शिकायत मिलने पर पेपर रद्द किया गया और दोबारा परीक्षा आयोजित कर 50,000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई। अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री सहित तमाम बीजेपी नेताओं ने उनकी सरकार पर झूठे आरोप लगाए थे। जबकि सच्चाई यह है कि बीजेपी शासित राज्यों और केंद्र सरकार के अंतर्गत 50 से अधिक पेपर, आर्मी और न्यायपालिका समेत लीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि पेपर लीक के अंतरराज्यीय गिरोह सक्रिय हो गए हैं, जो चिंता का विषय है। गहलोत ने नीट पेपर लीक को राष्ट्रीय मुद्दा बताते हुए कहा कि एनटीए की चुप्पी से भयंकर बदनामी हो रही है। उन्होंने मांग की, कि शिक्षा मंत्रालय को जनभावना का सम्मान करते हुए अविलंब नीट का पेपर रद्द करना चाहिए और पारदर्शिता के साथ दोबारा परीक्षा आयोजित करनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखे और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करे।

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