बिहार के इन चार शहरों में शुरू होगी मेट्रो ट्रेन सर्विस, कैबिनेट ने प्रपोजल को दी मंजूरी
पटना
बिहार में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. पटना के अलावा अब चार और शहरों में लोगों को मेट्रो सर्विस मिलने वाली है. इसके लिए बिहार कैबिनेट ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है. बिहार सरकार के कैबिनेट बैठक में मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा और भागलपुर में मेट्रो रेल सर्विस शुरू करने की मंजूरी दी गई है. इस कैबिनेट बैठक में सरकार ने 20 से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी दी है.
पटना में बन रही है मेट्रो रेल
बिहार की राजधानी पटना में फिलहाल मेट्रो रेल निर्माणाधीन है जिसकी आधारशिला 17 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखी थी.
बैठक में कुल 22 एजेंडों पर मुहर लगी है जिसमें मुजफ्फरपुर,दरभंगा, गया और भागलपुर जिले में मेट्रो चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मुजफ्फरपुर शहर में मेट्रो चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि जब वह नगर विकास मंत्री थे, उसी समय उन्होंने मुजफ्फरपुर सहित तमाम स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल जिलों के लिए मेट्रो परियोजना शुरू करने की मांग की थी।
मुजफ्फरपुर में भी चलेगी मेट्रो
हालाकि मुजफ्फरपुर में मेट्रो सेवा शुरू करने की कैबिनेट से मंजूरी भले ही मिल गई है लेकिन इस प्रपोजल के जमीन पर उतरने में अभी बहुत वक्त लगेगा। बिहार सरकार केंद्र सरकार को मेट्रो का प्रस्ताव भेजेगी। यही नहीं, सुरेश शर्मा ने ये भी बताया कि मुजफ्फरपुर मेट्रो का प्रस्तावित रूट क्या है। सुरेश शर्मा ने बताया कि मुजफ्फरपुर मेट्रो के लिए रामदयालु नगर से मेडिकल फोरलेन होते हुए सदादतपुर से कांटी के रास्ते मड़वन और दूसरी ओर मुशहरी को जोड़ा जा सकता है। तेजी से काम के बाद भी मेट्रो का प्रपोजल तैयार होने में कुल डेढ़ साल सिर्फ कागजी कार्रवाई में लगेंगे।
मुजफ्फरपुर मेट्रो तैयार होने में कितना समय लगेगा
पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने ये भी बताया कि मेट्रो का रूट प्रस्तावित ग्रेटर मुजफ्फरपुर के अनुरूप होगा। उनके अनुसार मेट्रो लाइन और अन्य सिस्टम तैयार करने में कम से कम पांच साल का समय लगता है। यानी साढ़े 6 से 7 साल का समय लग जाएगा। यह समय तब लगेगा, जब जमीन अधिग्रहण नहीं करना पड़े। जमीन अधिग्रहण की नौबत आई तो 10 साल का भी समय लग सकता है। पटना मेट्रो का बजट तकरीबन 800 करोड़ का है। इसी के आसपास यहां का भी बजट रहेगा। सबसे बड़ी बात है कि मेट्रो का रूट निर्धारण करने में यह देखा जाता है कि इस पर जो लागत आ रही है, उस हिसाब से आमदनी भी होनी चाहिए। यह तय है कि ग्रेटर मुजफ्फरपुर के हिसाब से मेट्रो रूट का निर्धारण होगा।आपको बता दे कि ग्रेटर मुजफ्फरपुर में मड़वन अंचल के शुभंकरपुर, कांटी अंचल के दादर कोल्हुआ, पैगंबरपुर मुशहरी अंचल के सहबाजपुर, शेखपुर, बड़ा जगन्नाथ, शेरपुर, सुस्ता, रोहुआ, कन्हौली, भगवानपुर पंचायत, मझौली खेतल पंचायत को शामिल किया गया है।
मुजफ्फरपुर में मेट्रो के फायदे
पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा का कहना है कि जिस तरह से शहर में ट्रैफिक का दबाव बना हुआ है, आने वाले 10 साल में ये और बढ़ेगा। उसके हिसाब से यहां मेट्रो की आवश्यकता है। मेट्रो की सुविधा शुरू होने से गाड़ियों का भी दबाव कम होगा। प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा का कहना है कि 'जब मैं मंत्री था, उसी समय से इस पर चर्चा चल रही थी। बहुत तेजी में सब कुछ शुरू हुआ, तब भी जमीन पर काम शुरू होने में डेढ़ साल का समय लगेगा।'
2025 में शुरू होगी पटना मेट्रो
पहले से ही बन रही पटना मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण में पांच स्टेशन मार्च 2025 तक चालू हो जाएंगे. पहले चरण (पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण गलियारा) में 15.36 किमी ऊंचा ट्रैक और 16.30 किमी भूमिगत ट्रैक दोनों शामिल हैं. कैबिनेट ने सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभिन्न भर्ती परीक्षाओं की प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करने के लिए बिहार में विभिन्न आयोगों -बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग आदि को अधिकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी.
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा कैबिनेट ने राज्य की सभी नगर एवं ग्राम पंचायतों खेल क्लब के गठन को भी मंजूरी दे दी है.