गोवा : कलंगुट पंचायत का बड़ा फैसला, बीच पर जाने वाले पर्यटकों को प्रवेश में देना पड़ेगी फीस
पणजी
महाराष्ट्र के महाबलेश्वर की तर्ज पर अब गोवा में गंदगी फैलाने पर टैक्स देना होगा। गोवा के कलंगुट बीच पर गंदगी के मामले बढ़ने पर वहां की स्थानीय पंचायत ने यह फैसला लिया है। बीच को साफ सुथरा रखने के लिए पंचायत पर्यटकों से टैक्स वसूलेगी। पंचायत में रखे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि पर्यटक जीप में आते हैं। वे शराब पीते हैं और फिर गंदगी फैलाते हैं। ऐसे में उन पर अब टैक्स लगाया जाएगा। कलंगुट ग्राम पंचायत ने अपने टैक्स के समर्थन में महाराष्ट्र के महाबलेश्वर को उदाहरण दिया है।
पांच मार्गों पर बनेंगे चेक पोस्ट
कलंगुट बीच गोव के उत्तरी हिस्से में आता है। ग्राम पंचायत में सात जून को पास हुए प्रस्ताव की जानकारी जिला कलेक्टर, पुलिस प्रमुख और सरकार को दी गई है। पंचायत की तरफ से भेजे गए पत्र में मांग की गई है कि गांव में प्रवेश करने वाले पांच मार्गों चेकपोस्ट बनाए जाएं, ताकि कलंगुट आने वाले टूरिस्ट के वाहनों की जांच की जा सके। इसके साथ ही सार्वजनिक उपद्रव से बचा जा सके। उस पर काबू रख जा सके। कलंगुट बीच गोवा के साफ सुथरे स्थानों में आता है। ग्राम पंचायत के पास इसकी सफाई का जिम्मा है। पंचायत के अनुसार पंचायत के अनुसार पर्यटकों द्वारा हंगामा करने किया जाता है। इससे गांव की बदनामी होती है। उनके अवैध गतिविधियों में लिप्त होने की कई शिकायतों के बाद यह निर्णय लिया गया है।
प्रवेश पर लगेगा शुल्क
कलंगुट गांव के सरपंच जोसेफ सेक्वेरा ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से बातचीत में कहा कि पर्यटक जीप और बसों में समूहों में आते हैं, समुद्र तट क्षेत्र में घूमते हैं और शराब पीते हैं और अपने वाहनों में खाना बनाते हैं, फिर गांव में खुले में गंदगी फैलाते हैं। वे किसी होटल में ठहरते हैं। न ही बुकिंग लेते हैं। अब हमने सत्यापन के लिए चेकपॉइंट स्थापित करने और इस तरह के व्यवहार को रोकने के लिए प्रवेश शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि अगर यह महाबलेश्वर में किया जा सकता है, तो यहां भी किया जा सकता है।
पूरे दिन पीते हैं शराब
पंचायत के अन्य सदस्यों का कहना है कि कई पर्यटक समुद्र तट पर जाते हैं, पूरा दिन बिताते हैं और सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करते हैं। और अपने वाहनों को पार्किंग स्थल या खुले क्षेत्र में पार्क करते हैं। वे शराब पीते हैं और बोतलें और कचरा कहीं भी फेंक देते हैं और चले जाते हैं। इसलिए पंचायत ने इन पर्यटकों की पहचान करने के लिए ऐसे स्थानों की पहचान करने और ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए यह कदम उठाया है।