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राजस्थान-दौसा में नाबालिग से दुष्कर्म का पांच हजार का इनामी आरोपी गिरफ्तार

दौसा.

दौसा की पुलिस थाना बसवा ने कार्रवाई करते हुए पांच हजार रुपये का इनामी बदमाश गिरफ्तार किया है। जो दुष्कर्म के मामले में करीब एक महीने से फरारी काट रहा था। दौसा पुलिस अधीक्षक रंजीता शर्मा ने बताया, रेंज स्तरीय विशेष अभियान के दौरान बसवा थानाधिकारी सचिन कुमार शर्मा के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। इस पर बसवा थाना टीम ने दुष्कर्म के मामले में फरार चल रहे अभियुक्त को गिरफ्तार किया है।

मामला 23 मई 2024 का है, जब थाना बसवा पर एक परिवादी ने अपनी नाबालिग बेटी का अपहरण कर दुष्कर्म करने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, जिसकी जांच करते हुए बसवा थाना पुलिस ने मुलजिम की तलाश शुरू करने के लिए टीम गठित की। थाना की टीम ने कई जगह दबिश दी तो मुखबिर की सूचना और साइबर सेल की मदद से पुलिस ने मुलजिम को 17 जून 24 को दस्तयाब किया। बसवा थाना अधिकारी सचिन शर्मा ने बताया कि दस्तयाब युवक का नाम गोलू कुमार मेहरा उर्फ टिंकू पुत्र रत्तीराम मेहरा बैरवा निवासी काला खेत की ढाणी, नांदरी पुलिस थाना मेहन्दीपुर बालाजी जिला दौसा का रहने वाला है।

कोर्ट ने दिया चेक बाउंस होने पर आठ महीने का कारावास
दौसा के बांदीकुई में चेक बाउंस मामले का न्यायालय ने निस्तारण करते हुए अभियुक्त को आठ महीने का कारावास और चेक की डेढ़ गुना राशि देने का फैसला सुनाया है। एडवोकेट हरिओम गुप्ता ने बताया कि परिवादी लाखन सिंह बैरवा निवासी मुकुरपुरा से अभियुक्त मुकेश बैरवा ने दो लाख रुपये उधार लिए थे, जिसकी अदाएगी के लिए साल 2015 को एक चेक परिवादी लाखन सिंह को दिया था।इधर, चेक बैंक में लगाने पर खाते में बैलेंस पर्याप्त भी होने के कारण चेक अनदारित हो गया। इस पर परिवादी लाखन सिंह ने परिवाद न्यायालय में वाद दायर किया। उधर, अपर सिविल न्यायाधीश न्यायिक मजिस्ट्रेट बांदीकुई शशि ने प्रकरण की सुनवाई करने के बाद फैसला सुनाते हुए अभियुक्त मुकेश कुमार पुत्र छोटेलाल निवासी गुलाना की थली तहसील बसवा को आठ महीने का कारावास और चेक राशि की डेढ़ गुना राशि यानी तीन लाख रुपये एक महीने के भीतर देने के आदेश का दिए हैं। न्यायालय के फैसले में अभियुक्त मुकेश कुमार पुत्र छोटेलाल निवासी गुल्लाना की थली को धारा- 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 की दोष सिद्धी में आठ महीने के साधारण कारावास से दंडित किया गया है। अभियुक्त परिवादी को तीन लाख रुपये प्रतिकर भी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा- 357 (3) के अनुसार अदा करें। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर अभियुक्त को एक महीने का साधारण कारावास पृथक से भुगतना होगा।

प्रतिकर की राशि जमा होने पर अवधि पश्चात अपील नहीं होने पर परिवादी को भुगतान की जाएगी और अपील होने पर इस संबंध में अपीलीय न्यायालय के निर्देश का पालन करना होगा। धारा- 428 दण्ड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अनुसार अभियुक्त द्वारा पुलिस अभिरक्षा व न्यायिक अभिरक्षा में व्यतीत की गई समयावधि को भुगती हुई मानी जाएगी।

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