स्वस्थ-जगत

माउथवॉश का नियमित उपयोग कर सकता है कैंसर का खतरा बढ़ा: जानें विशेषज्ञों की राय

माउथवॉश इस्तेमाल करने वाले ध्यान दें. एक नई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जर्नल ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि रोजाना माउथवॉश को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है.

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि माउथवॉश से मुंह में पाए जाने वाले कुछ बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है. ये बैक्टीरिया पहले से ही मसूड़ों की बीमारी, ग्रासनली के कैंसर, पेट के कैंसर और शरीर की अन्य बीमारियों से जुड़े हुए माने जाते हैं.

कैंसर का खतरा

शोधकर्ताओं के मुताबिक, मसूड़े की बीमारी और शरीर की अन्य बीमारियों के अलावा, माउथवॉश से ग्रासनली के कैंसर और पेट के कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है. मुंह की सेहत का सीधा संबंध शरीर में कैंसर, खासकर मुंह और शरीर के अंदर होने वाले कैंसर के खतरा से होता है. अच्छी मुंह की सफाई न करने से मुंह में संक्रमण और मसूड़ों की बीमारी हो सकते हैं, जिससे मुंह में लगातार सूजन की समस्या रहती है. यह सूजन कैंसर का एक जाना-माना रिस्क फैक्टर है. शरीर में सूजन की प्रक्रिया सेल्स में बदलाव और म्युटेशन ला सकती है, जिससे अंततः कैंसर हो सकता है.

किस तरह के कैंसर का खतरा

मसूड़ों की बीमारी में मसूड़ों में सूजन और संक्रमण होता है. इसे मुंह के कैंसर, ग्रासनली के कैंसर, अग्नाशय के कैंसर और पेट के कैंसर के बढ़ते रिसक से जोड़ा गया है. मसूड़ों की बीमारी के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया, फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम, खून में प्रवेश करके शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंच सकता है और संभावित रूप से शरीर में सूजन और कैंसर पैदा करने में योगदान दे सकता है.

स्टडी में क्या पाया गया?

अध्ययन में पाया गया कि माउथवॉश के बाद फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम और स्ट्रेप्टोकोकस एंगिनोसस की मात्रा काफी बढ़ गई थी. फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम और स्ट्रेप्टोकोकस एंगिनोसरिस विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से जुड़े महत्वपूर्ण बैक्टीरिया हैं. फ्यूसोबैक्टीयम न्यूक्लियेटम मसूड़ों की बीमारी में अहम भूमिका निभाता है और सूजन और ट्यूमर के विकास को बढ़ावा देने के कारण इसे पेट के कैंसर से भी जोड़ा गया है. यह टिशू पर आक्रमण कर सकता है और शरीर के अंदरूनी सेहत को प्रभावित कर सकता है.

स्ट्रेप्टोकोकस एंगिनोसस, स्ट्रेप्टोकोकस एंगिनोसस ग्रुप (एसएजी) का हिस्सा है, जो आमतौर पर मुंह और पाचन तंत्र में पाया जाता है. यह विशेष रूप से इम्यून सिस्टम को कमजोर लोगों में फोड़े और गंभीर संक्रमण पैदा करने के लिए जाना जाता है. ये दोनों बैक्टीरिया मुंह की सेहत और शरीर की अन्य बीमारियों के बीच महत्वपूर्ण संबंध को दर्शाते हैं, जो अच्छी मुंह की सफाई बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है.

अच्छी मुंह की सफाई न करना अक्सर धूम्रपान और ज्यादा शराब के सेवन जैसी अन्य रिस्क भरी आदतों से भी जुड़ा होता है. ये दोनों ही मुंह, गले और ग्रासनली के कैंसर सहित विभिन्न कैंसर के लिए जाने-माने रिस्क फैक्टर हैं. ये पदार्थ म्यूकोसल परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं और डीएनए म्युटेशन को जन्म दे सकते हैं, जिससे कैंसर हो जाता है. रोजाना ब्रश करना, फ्लॉसिंग और दांतों की जांच के माध्यम से अच्छी ओरल हेल्थ बनाए रखने से सूजन और बैक्टीरिया के भार को कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे संभावित रूप से कैंसर का खतरा कम हो सकता है. ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का तुरंत समाधान करना और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना कैंसर की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम हैं.

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