उत्तर प्रदेश

सेना में अग्निवीर व्यवस्था को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ा मुद्दा बनाया

लखनऊ  
सेना में अग्निवीर व्यवस्था को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ा मुद्दा बनाया था। कहा था कि सेना के बाद यूपी पुलिस में यही व्यवस्था लागू करने की तैयारी हो रही है। इसी बीच बुधवार की रात यूपी पुलिस का एक लेटर वायरल हो गया। एडीजी स्थापना की ओर से जारी लेटर में कहा गया कि पुलिस विभाग के दफ्तरों में आउटसोर्सिंग से भर्ती पर विचार हो रहा है। सपा ने इसे पुलिस में भी सेना की अग्निवीर जैसी व्यवस्था लागू करने का आरोप लगाया। खुद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे लेकर भाजपा को घेर लिया। इसके बाद यूपी पुलिस बैकफुट पर आ गई और कहा कि यह लेटर गलती से जारी हो गया है। इसके बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रदेश पुलिस की तरफ से जो सफाई पेश की गई है, वह समझ से परे है।

पहले अखिलेश यादव ने लेटर को लेकर भाजपा पर बड़ा हमला बोला। अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि उप्र में भाजपा सरकार ने ‘पुलिस व्यवस्था’ के प्रति लापरवाही भरा नज़रिया अपना रखा है, जिसकी वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। एक-के-बाद-एक कार्यवाहक डीजीपी के बाद अब कुछ ‘पुलिस सेवाओं की आउटसोर्सिंग’ पर विचार किया जा रहा है। ठेके पर पुलिस होगी तो न ही उसकी कोई जवाबदेही होगी, न ही गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं को बाहर जाने से रोका जा सकेगा। भाजपा सरकार जवाब दे कि जब पुलिस का अपना भर्ती बोर्ड है तो बाक़ायदा सीधी स्थायी नियुक्ति से सरकार भाग क्यों रही है?

अखिलेश ने लिखा कि पुलिस सेवा में भर्ती के इच्छुक युवाओं की ये आशंका है कि इसके पीछे आउटसोर्सिंग का माध्यम बनने वाली कंपनियों से ‘काम के बदले पैसा’ लेने की योजना हो सकती है क्योंकि सरकारी विभाग से तो इस तरह पिछले दरवाज़े से ‘पैसा वसूली’ संभव नहीं है। अपने आरोप के आधार के रूप में वो कोरोना वैक्सीन बनानेवाली प्राइवेट कंपनी का उदाहरण दे रहे हैं, जिसे भाजपा ने नियम विरूद्ध पाते हुए, वैक्सीन बनाने वाली एक सरकारी कंपनी के होते हुए भी, वैक्सीन बनाने का ठेका दिया और उससे चंदा वसूली की।

कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक से आक्रोशित युवाओं में इस तरह की ‘पुलिस सेवा की आउटसोर्सिंग’ की खबर से और भी उबाल आ गया है। आउटसोर्सिंग का ये विचार तत्काल त्यागा जाए और उप्र के युवाओं को नियमित, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सीधी नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से नौकरी दी जाए। यह भी कहा कि भाजपा कहीं किसी दिन ‘सरकार’ ही आउटसोर्स न कर दे।

अखिलेश के हमले के बाद यूपी पुलिस की तरफ से स्पष्टीकरण आ गया। कहा गया कि सोशल मीडिया में पुलिस विभाग में आउटसोर्सिंग के संबंध में एक पत्र प्रसारित हो रहा है। यह पत्र त्रुटिवश जारी हो गया है। पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पहले से चल रही है, इसी के संबंध में पत्र जारी किया जाना था जो कि गलती से मिनिस्टीरियल स्टाफ के लिए जारी हो गया है। ऐसा कोई प्रस्ताव पुलिस विभाग और शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। यह पत्र गलत जारी हो गया है जिसे निरस्त कर दिया गया है।

पुलिस का स्पष्टीकरण आने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इसे समझ से परे बताते हुए एक्स पर लिखा कि उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के स्तर पर आउटसोर्सिंग के जरिये भर्तियों पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में जिलों के अधिकारियों को पत्र भेजा गया था जो कि सोशल मीडिया पर वायरल है। भाजपा सरकार ने अग्निपथ स्कीम लाकर हमारी सेना और युवाओं का भविष्य दोनों कमजोर किया। अब यूपी पुलिस में यही खेल करने का प्रयास चल रहा है। भाजपा की सरकारें देश की हर एक संस्था को बेहतर बनाने की जगह उन्हें कमजोर करने का काम कर रही हैं। प्रदेश पुलिस की तरफ से जो सफाई पेश की गई है, वह समझ से परे है। एक के बाद एक पेपर लीक, अग्निवीर, लाखों खाली पद और अब पुलिस भर्ती में आउटसोर्सिंग की खबरों से प्रदेश के करोड़ों युवा आक्रोशित हैं। भाजपा को सामने आकर इस बारे में स्पष्ट जवाब देना चाहिए।

सपा सांसद ने लिखा पुलिस को अग्निवीर बनाया जा रहा
सपा नेता और अंबेडकरनगर के सांसद लालजी वर्मा ने एक्स पर लिखा कि सेना को अग्निवीर बनाने के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस को भी अग्निवीर बनाया जा रहा है। अखिलेश यादव  ने चुनाव के दौरान ही चेताया था कि यह सरकार सेना को अग्निवीर बनाने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस को भी अग्निवीर बना देगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष का संदेह सही निकला अब उत्तर प्रदेश सरकार सब इंस्पेक्टर (लिपिक) के पदों को संविदा पर भर्ती करने का विचार कर रही है। उन्होंने यह भी लिखा कि अखिलेश यादव ने चुनाव के दौरान ही यह कहा था कि भविष्य में यह सरकार सारे सरकारी पदों को संविदा पर कर देगी ताकि आरक्षण को समाप्त किया जा सके।

 

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