विदेश

सशस्त्र संघर्ष में बच्चों के खिलाफ हिंसा के मामलों में 21 प्रतिशत की चौंकाने वाली वृद्धि

संयुक्त राष्ट्,Realindianews.com. दुनियाभर में संघर्ष की बढ़ती घटनाओं में फंसे बच्चों के खिलाफ हिंसा 2023 में ‘चरम स्तर’ पर पहुंच गई। इजराइल और फलस्तीन के क्षेत्रों से लेकर सूडान, म्यांमा और यूक्रेन में बड़ी संख्या में हत्याएं हुईं और कई लोग घायल हुए। संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को सशस्त्र संघर्ष में बच्चों के संबंध में एक वार्षिक रिपोर्ट  प्राप्त हुई जिसमें कहा गया है कि एक के बाद एक युद्ध में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ हिंसा के मामलों में 21 प्रतिशत की चौंकाने वाली वृद्धि हुई है, जिसमें कांगो, बुर्किना फासो, सोमालिया और सीरिया के मामलों का भी हवाला दिया गया है।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार इजराइली सेना को पहली बार बच्चों की हत्या और उन्हें दिव्यांग बनाने और स्कूलों तथा अस्पतालों पर हमला करने तथा बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले देशों की काली सूची में डाला। रिपोर्ट में पहली बार हमास और फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद आतंकवादियों को भी बच्चों की हत्या करने, उन्हें घायल करने और उनका अपहरण करने के कारण सूचीबद्ध किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिणी इजराइल में सात अक्टूबर को हमास के हमले और गाजा में इजराइल की जबरदस्त सैन्य जवाबी कार्रवाई के कारण बच्चों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई है।

संयुक्त राष्ट्र ने रूसी सशस्त्र बलों और संबद्ध सशस्त्र समूहों को यूक्रेन में बच्चों की हत्या और उन्हें दिव्यांग बनाने तथा स्कूलों और अस्पतालों पर हमला करने के लिए दूसरे वर्ष भी अपनी काली सूची में रखा। रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र ने पिछले वर्ष रूसी सेना और उसके सहयोगियों द्वारा 80 यूक्रेनी बच्चों की हत्या और 419 अन्य को अपंग बनाने की पुष्टि की है।

महासचिव गुतारेस ने कहा कि 2023 के अंत तक संयुक्त राष्ट्र ने 1,526 बच्चों के खिलाफ अपराध के 1,721 मामलों की पुष्टि की है। इसमें कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र ने 2,093 बच्चों के खिलाफ 2,799 अपराधों की पुष्टि की है।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, “उनके द्वारा सभी पक्षों से बच्चों के खिलाफ हिंसा को रोकने के उपायों को लागू करने के लिए बार-बार आह्वान करने के बाद भी गाजा पट्टी, इजराइल, पूर्वी यरुशलम और पश्चिमी तट में बच्चों के खिलाफ अपराधों में बड़े पैमाने पर अचानक वृद्धि होने से वह स्तब्ध हैं।”

 

 

 

 

 

 

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