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महंगाई दर घाटी, लोगों के घरेलू बजट पर बोझ कम होने की उम्मीद

नई दिल्ली
मई के महीने में भारत की महंगाई दर घटकर 12 महीने के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत पर आ गई। ईंधन और खाने के तेल की कीमतों में गिरावट से लोगों के घरेलू बजट पर बोझ कम होने की उम्मीद है। सांख्यिकी मंत्रालय ने बुधवार को ये आंकड़े जारी किए। अप्रैल में मुद्रास्फीति दर 4.83 प्रतिशत पर थी जो 11 महीने का निचला स्तर था। मंत्रालय ने कहा कि मसालों के दाम में अप्रैल 2024 की तुलना में साल-दर-साल काफी गिरावट आई है। साथ ही कपड़े और जूते, आवास से संबंधित महंगाई पिछले महीने से कम हुई है।

मई में खाने के तेल की कीमतों में गिरावट का रुख जारी रहा और इस महीने के दौरान इसमें 6.7 प्रतिशत की गिरावट आई। मसालों की कीमतों में वृद्धि अप्रैल में 11.4 प्रतिशत से धीमी होकर मई में 4.27 प्रतिशत हो गई। हालांकि, दालों की कीमत 17.14 प्रतिशत पर बनी रही जो काफी ज्यादा है। सब्जियों की कीमतों में भी 27.33 प्रतिशत की वृद्धि हुई, हालांकि यह अप्रैल के 27.8 प्रतिशत से थोड़ा कम है।

महीने के दौरान अनाज की कीमतों में भी 8.65 प्रतिशत की वृद्धि हुई। खाद्य मुद्रास्फीति अप्रैल में 7.87 प्रतिशत थी, जबकि पिछले साल अप्रैल में यह 1.5 प्रतिशत थी। पिछले महीने यानी मई में खाद्य मुद्रास्फीति में 8.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

देश की महंगाई दर लगातार कई महीनों में घट रही है और मार्च में यह 4.85 प्रतिशत पर आ गई, जबकि फरवरी में यह 5.09 प्रतिशत और इस साल जनवरी में 5.1 प्रतिशत थी। अब यह आरबीआई के टारगेट के नजदीक है, लेकिन इसके बावजूद आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती नहीं की है।

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