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भारतीय नौसेना को प्रोजेक्ट-75I के तहत छह पनडुब्बी खोज, जर्मनी की कंपनी ने पेश की AIP तकनीक लैस Submarine

बर्लिन
 भारतीय नौसेना अपने प्रोजेक्ट-75I के तहत छह पनडुब्बी खोज रही है। इन पनडुब्बियों में लिथियम-आयन बैटरी के साथ फ्यूल सेल एयर-इंडिपेंडेट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक होगी, जो उन्हें लंबी अवधि तक समुद्र की गहराइयों में छिपने और तेज गति से बिनी अपनी लोकेशन बताए लक्ष्य तक पहुंचने की क्षमता देगा। भारतीय नौसेना सबसे बड़ी और सबसे तेज बनकर प्रतिस्पर्धा में बढ़त बनाए रखना नहीं चाहती, बल्कि सबसे शांत और घातक बनकर प्रतिस्पर्धा में बढ़त बनाए रखना चाहती है। जर्मन शिपबिल्डर थिसेनक्रुप भारत का कॉन्ट्रैक्ट लेने में सबसे आगे है। उसने अपनी 214-क्लास पनडुब्बियों की पेशकश की है।

ये 212 सीडी पनडुब्बियों के उन्नत तकनीकी पहलुओं को एआईपी टेक्नोलॉजी से लैस करता है। 212 सीडी-क्लास पनडुब्बियां विशेष रूप से नॉर्वेजियन नौसेना के लिए बनाई गई हैं और बाल्टिक सागर में उनकी परिचालन आवश्यक्ताओं के हिसाब से बनाई गई हैं। 214-क्लास पनडुब्बियों को भारत की आवश्यक्ता के हिसाब से बनाया जाएगा। एआईपी टेक्नोलॉजी से जुड़े सबसे उन्नत बदलाव इसमें दिखेंगे। लिथियम आयन बैटरी से यह लैस होगा। इसमें एक उन्नत सेंसर और युद्ध प्रणाली होगी और इसमें स्टील्थ फीचर होगा, जो इसे दुश्मन के रडार पर नहीं आने देगा।

नेवी के लिए होगा गेम चेंजिंग

रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेक्ट-75आई के टीकेएमएस प्रोग्राम हेड डॉ. क्रिश्चियन फ्रुहलिंग ने कहा, 'इसमें हमें सबसे बड़ा फायदा हमारा अनोखा एआईपी समाधान है। पनडुब्बी की डिजाइन अच्छी तरह से स्थापित HDW क्लास 214 से निकली है, जो दुनिया की कई नौसेनाओं की सेवा में है। भारतीय नौसेना की आवश्यक्ता के हिसाब से इसे बनाया जाएगा।' ईंधन-सेल-आधारित एआईपी सिस्टम और लिथियम-आयन बैटरी का संयोजन भारतीय नौसेना के लिए एक गेम-चेंजिंग क्षमता लाएगा। चीन की बड़ी नौसेना के मुकाबले भारतीय नौसेना को एक विश्वसनीय पनडुब्बी बल की जरूरत है।

लंबे समय तक रह सकेगी पानी के नीचे

ईंधन-सेल एआईपी पनडुब्बी को कम गति पर लंबी दूरी तक चलने की इजाजत देता है। जबकि लिथियम-आयन बैटरी इसे उसके टार्गेट पर पहुंचने के लिए हाई स्पीड से चलने की इजाजत देता है। यूरोपीय देश इसका इस्तेमाल नहीं करते, लेकिन जापान करता रहा है। फ्रुहलिंग के मुताबिक पनडुब्बी लंबे समय तक पानी के नीचे रह सकेगी और हाई स्पीड से चल पाएगी, जो इसे और भी घातक बनाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना की पनडुब्बी पानी में रहते हुए पूरे बंगाल की खाड़ी को कवर कर सकेगी।

 

 

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