भजनलाल शर्मा सरकार सौ करोड़ रुपये लगाकर महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट बनायेगी
उदयपुर
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप न केवल राजस्थान और भारत अपितु पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। उनकी वीरता, शौर्य और देशभक्ति को काल और भौगोलिक सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है। महाराणा प्रताप के जीवन से विषम परिस्थितियों में भी पीछे नहीं हटने तथा सदैव, सत्य, धर्म और राष्ट्रहित के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया तक पहुंचाना हमारी सरकार का लक्ष्य है और इस दिशा में 100 करोड़ रूपए की लागत से महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शर्मा शनिवार को उदयपुर के टाईगर हिल स्थित प्रताप गौरव केंद्र्र, राष्ट्रीय तीर्थ परिसर में आयोजित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती समारोह के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंनेे कहा कि प्रताप गौरव केंद्र पर आकर जिस गौरव की अनुभूति हो रही है उसे शब्दों में कहना असंभव है। 9 जून का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा हुआ है।
कल मेवाड़ मुकुट, सनातन धर्म की आन-बान-शान, वीर शिरोमणि और हिंदुआ सूरज महाराणा प्रताप जी की जयंती है। उन्होंने महाराणा प्रताप को कोटि-कोटि नमन करते हुए कहा कि यह सुखद संयोग है कि 9 जून को ही नरेन्द्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने वीर प्रसूता मेवाड़ धरा को नमन करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में राजपूताने का गौरवपूर्ण स्थान रहा है और इस राजपूताने में मेवाड़ का अपना एक विशिष्ट स्थान है। उन्होंने महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की शौर्यगाथा, मां पन्नाधाय के बलिदान, भामाशाह के सर्वस्व अर्पण तथा बप्पा रावल, महाराणा कुंभा और महाराणा सांगा की वीरता, पराक्रम को भी याद किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के त्याग, बलिदान और स्वाभिमान की गौरवगाथा सुनाई। उन्होंने कहा कि आज हमारी संस्कृति, सभ्यता व धर्म रक्षित हैं तो उसका कारण यही है कि महाराणा प्रताप जैसे महापुरूष हुए, जो अपना राज्य बचाने के लिए नहीं बल्कि धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए लड़े। सर्वस्व त्याग कर जंगलों में रहकर और अभावों में जीवनयापन करके भी समर्पण नहीं किया। उन्होंने महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट पर खर्च होंगे 100 करोड़ रूपए-
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें किसी भी कीमत पर संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा करना सिखाता है। नई पीढ़ी में ऐसे संस्कारों का संचार होना चाहिए। हम महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया में पहुंचाना चाहते हैं। प्रदेश में जो भी पर्यटक आए, वह अपने साथ महाराणा प्रताप की शौर्य की गाथा साथ लेकर जाए। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलों चावंड-हल्दीघाटी-गोगुंदा-कुंभलगढ़-दिवेर-उदयपुर आदि को सम्मिलित करते हुए महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित करने पर 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
'महाराणा प्रताप पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं'
उन्होंने कहा, ‘‘महाराणा प्रताप न केवल राजस्थान और भारत अपितु पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं. उनकी वीरता, शौर्य और देशभक्ति को काल और भौगोलिक सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है. महाराणा प्रताप के जीवन से विषम परिस्थितियों में भी पीछे नहीं हटने तथा सदैव, सत्य, धर्म और राष्ट्रहित के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है.''
शर्मा ने कहा, ‘‘महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया तक पहुंचाना हमारी सरकार का लक्ष्य है और इस दिशा में 100 करोड़ रुपये की लागत से महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित किया जा रहा है.''
'महाराणा प्रताप को समर्पित चित्र प्रदर्शनी की शुरुआत की'
आधिकारिक बयान के अनुसार कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा कि आज आप, संस्कृति, सभ्यता और धर्म रक्षित हैं तो उसका कारण यही है कि महाराणा प्रताप जैसे महापुरुष हुए जो अपना राज्य बचाने के लिए ही नहीं बल्कि धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए लड़े. मुख्यमंत्री शर्मा ने प्रताप गौरव केंद्र परिसर स्थित पद्मिनी सभागार में महाराणा प्रताप को समर्पित चित्र प्रदर्शनी की शुरुआत की.