राजनीति

नवीन पटनायक के खास सिपाही ने डाले हथियार, वीके पांडियन ने छोड़ी राजनीति

नईदिल्ली

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सहयोगी और पूर्व आईएएस ऑफिसर वीके पांडियन ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया। एक वीडियो शेयर कर पांडियन ने कहा कि वह सक्रिय राजनीति छोड़ रहे हैं। उनका यह फैसला तब आया जब ओडिशा में बीजेडी को करारी हार मिली है। राजनीति छोड़ने के बारे में बोलते हुए वीके पांडियन ने वीडियो में कहा, "राजनीति में मेरे आने का मकसद केवल और केवल नवीन पटनायक को सहयोग करना था। इसलिए मैंने निर्णय लिया है कि मैं सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लूं।"

पिछले साल नवंबर में सिविल सेवा छोड़कर बीजेडी में शामिल हुए पांडियन ने वीडियो संदेश में कहा कि वह एक साधारण परिवार और एक छोटे से गांव से आते हैं। उन्होंने कहा कि उनका बचपन का सपना आईएएस में शामिल होकर लोगों की सेवा करना था। पांडियन ने कहा, "जिस दिन से मैंने ओडिशा की धरती पर कदम रखा, मुझे ओडिशा के लोगों से अपार प्यार और स्नेह मिला है। मैंने पूरे राज्य के लोगों के लिए बहुत मेहनत करने की कोशिश की है।"

वीके पांडियन ने कहा कि नवीन पटनायक के लिए काम करना सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि यदि बीजेडी सत्ता में वापस आती तो नवीन पटनायक देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री बनने की उपलब्धि हासिल कर लेते। पांडियन ने वीडियो संदेश में कहा, "मुझे जो अनुभव और सीख मिली है, वह जीवन भर के लिए है। नवीन पटनायक का नेतृत्व, नैतिकता और सबसे बढ़कर, ओडिशा के लोगों के प्रति उनके प्यार ने मुझे हमेशा प्रेरित किया।"

नवीन पटनायक के उत्तराधिकारी के रूप में देखे जा रहे पांडियन की हाल ही में संपन्न चुनावों में बीजेडी की चौंकाने वाली हार के बाद कड़ी आलोचना हुई। हालांकि, पटनायक ने शनिवार को दोहराया कि पांडियन उनके उत्तराधिकारी नहीं हैं और ओडिशा के लोग तय करेंगे कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। पटनायक ने यह भी कहा कि पार्टी की हार के लिए पांडियन की आलोचना दुर्भाग्यपूर्ण है और उन्होंने कहा कि उन्होंने उत्कृष्ट काम किया है।

पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में व्यापक असंतोष के बीच पटनायक ने कहा, "वह (पांडियन) एक निष्ठावान और ईमानदार व्यक्ति हैं और उन्हें इसके लिए याद किया जाना चाहिए।" पूर्व सीएम ने पीटीआई से कहा, "पंडियन की कुछ आलोचना हुई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। वह पार्टी में शामिल हुए और उन्होंने कोई पद नहीं संभाला। उन्होंने किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ा। जब भी मुझसे मेरे उत्तराधिकारी के बारे में पूछा गया, मैंने हमेशा स्पष्ट रूप से कहा कि वह पांडियन नहीं हैं। मैं दोहराता हूं कि ओडिशा के लोग मेरे उत्तराधिकारी का फैसला करेंगे।"

पटनायक ने कहा, "एक अधिकारी के तौर पर उन्होंने (पांडियन) पिछले 10 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया, चाहे वह दो चक्रवातों के दौरान हो या कोविड-19 महामारी के दौरान। इस अच्छे काम के बाद वह नौकरशाही से सेवानिवृत्त हो गए और बीजद में शामिल हो गए और बेहतरीन काम करके बड़े पैमाने पर योगदान दिया। वह एक निष्ठावान और ईमानदार व्यक्ति हैं और उन्हें इसके लिए याद किया जाना चाहिए।"

 

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