राजनीति

Rahul Gandhi छोड़ेंगे Waynad लोकसभा सीट तो Priyanka Gandhi लड़ेंगी चुनाव!

नईदिल्ली

आम चुनाव के नतीजों की घोषणा के साथ ही अब ये सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सांसद बनेंगी? ऐसा सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि राहुल गांधी इस बार दो क्षेत्रों से चुनाव जीते हैं- रायबरेली और वायनाड से. संवैधानिक रूप से राहुल गांधी को एक सीट खाली करनी पड़ेगी ऐसी स्थिति में ये देखना होगा कि इस खाली हुई सीट पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार किसे बनाती है? चुनाव नतीजों से पहले बातचीत के दौरान प्रियंका गांधी से जब ये सवाल पूछा गया था कि क्या वो भविष्य में चुनाव लड़ना पसंद करेंगी तो उन्होंने कहा था कि यदि जनता को लगता है कि उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए तो वे जरूर इलेक्शन लड़ेंगी.

बता दें कि 2019 में राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़े थे. यहां से वे चुनाव जीते और सांसद बने. इस बार कांग्रेस ने राहुल को उत्तर और दक्षिण दोनों जगहों से चुनाव मैदान में उतारा. राहुल दक्षिण में केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने उतरे तो उत्तर प्रदेश में वे कांग्रेस की पारंपारिक सीट रायबरेली से मैदान में थे. इस चुनाव में राहुल गांधी ने दोनों ही जगहों से जीत हासिल की.

मंगलवार को राहुल गांधी से जब पूछा गया कि वे किस सीट से सांसद के रूप में अपनी आगे की राजनीतिक यात्रा जारी रखना चाहेंगे? तो राहुल ने इसका कूटनीतिक जवाब दिया. राहुल ने कहा, "मैंने दोनों सीटों से जीत हासिल की है और मैं रायबरेली और वायनाड के मतदाताओं को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं. अब मुझे तय करना है कि मैं किस सीट पर रहूंगा, चर्चा करूंगा और फिर फैसला करूंगा. दोनों सीटों पर तो सांसद नहीं कर सकता, लेकिन मैंने अभी तक फैसला नहीं किया है."

राहुल ने कहा कि 'मुझसे पूछा जा रहा है कि मैं वायनाड से सांसद रहूंगा या फिर बरेली से. मैं तो दोनों जगहों से सांसद रहना चाहता हूं, आप सबों को बहुत बधाई."

बता दें कि रायबरेली से राहुल की जीत और अमेठी से के एल शर्मा की फतह को सुनिश्चित कराने में प्रियंका गांधी का अहम रोल रहा है. 2022 के विधानसभा चुनाव में अमेठी-रायबरेली इलाके में कांग्रेस की हार के बाद प्रियंका ने इस इलाके के लिए विस्तृत आउटरीच प्रोग्राम तैयार किया था. प्रियंका ने अमेठी-रायबरेली के लिए 12 दिनों का प्लान तैयार किया था. इसके तहत 500 लोगों की कोर टीम बनाई गई. ये टीम 20 गांवों का रोजाना दौरा कर रही थी और लोगों से सीधा संपर्क बना रही थी.

चुनाव नतीजों से पहले बातचीत के दौरान प्रियंका ने इस तथ्य को रेखांकित भी किया था. कांग्रेस महासचिव ने इस बार चुनाव न लड़ने की वजह बताते हुए हा था कि 'अगर हम दोनों चुनाव लड़ते तो दोनों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में 15 दिन तक रहना पड़ता. इसलिए हमने सोचा कि यह उचित होगा कि हम पूरे देश में प्रचार करें.'

हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह भविष्य में चुनाव लड़ेंगी तो कांग्रेस नेता ने कुछ स्पष्ट सा जवाब नहीं दिया था. प्रियंका ने कहा था, "मैंने कभी सांसद बनने या चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोचा है, पार्टी मुझे जो भी भूमिका देगी, मैं उसके लिए काम करना चाहती हूं. अगर लोगों को लगेगा कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए, तो मैं चुनाव लड़ूंगी".

मंगलवार को आए रिजल्ट में राहुल गांधी दोनों ही सीटों से बंपर वोटों से चुनाव जीते हैं. वायनाड सीट पर उन्हें 3 लाख 64 हजार वोटों से जीत मिली है, जबकि रायबरेली सीट 3 लाख 90 हजार वोटों से उन्होंने जीती है.

अगर कांग्रेस नेतृत्व प्रियंका को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला करती है तो वायनाड और रायबरेली में से एक सीट पार्टी के पास सुरक्षित विकल्प के रूप में मौजूद रहेगा. गौरतलब है कि प्रियंका भले ही रायबरेली सीट से चुनाव नहीं लड़ी हो लेकिन इस इलाके के समीकरण, भूगोल और स्थानीय नेतृत्व से वह पूर तरह वाकिफ हैं. इस लिहाज से रायबरेली सीट प्रियंका के लिए सुरक्षित विकल्प हो सकता है. हालांकि ये महज आकलन है.  रायबरेली में राहुल की जीत से पहले सोनिया गांधी यहां से सांसद थीं.

कांग्रेस नेतृत्व इसलिए भी प्रियंका को चुनाव लड़वाने की सोच सकती है क्योंकि पार्टी के इस कदम से बीजेपी को संदेश जाएगा. लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी बार-बार आरोप लगा रही थी कि प्रियंका गांधी हारने के डर से चुनाव नहीं लड़ रही थीं.

हालांकि इस पर प्रियंका ने कहा था कि कांग्रेस बीजेपी की रणनीति पर काम नहीं कर रही है. प्रियंका ने कहा था कि यदि हम दोनों चुनाव लड़ते हैं तो ये बीजेपी के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि ऐसी स्थिति में प्रचार अभियान के लिए कोई नहीं बचेगा और फिर बीजेपी को टक्कर कौन देगा?

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button