पप्पू यादव के लिए पूर्णिया सीट ‘लकी’ रही और जनता के समर्थन ने उन्हें पूर्णिया का ‘किंग’ बना दिया
पटना
कांग्रेस के बागी नेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के लिए तीसरी बार भी पूर्णिया सीट निर्दलीय प्रत्यशी के तौर पर ‘लकी' रही और जनता के समर्थन ने उन्हें पूर्णिया का ‘किंग' बना दिया। बिहार की हाइप्रोफाइल सीट में शामिल पूर्णिया संसदीय सीट से निर्दलीय प्रत्याशी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने रोमांचक मुकाबले में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) प्रत्याशी संतोष कुमार को 23 हजार 847 मतों के अंतर से शिकस्त दी और वह पूर्णिया से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर तीसरी बार चुनाव जीतने में सफल रहे।
संतोष कुमार का हैट्रिक लगाने के सपना हुआ चूर
कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन के पति पप्पू यादव ने हाल ही में अपनी जन अधिकार पार्टी (जाप) का कांग्रेस में इस आस में विलय कर दिया था कि उन्हें पूर्णिया से टिकट मिल जाएगा लेकिन उनकी उम्मीद पर उस समय पानी फिर गया जब इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच यह सीट बंटवारे के समझौते के तहत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के खाते में चली गई। राजद ने जनता दल यूनाईटेड (जदयू) छोड़कर उनकी पार्टी में आई रूपौली की पांच बार से विधायक बीमा भारती को पूर्णिया से उम्मीदवार बनाया। पूर्णिया सीट कांग्रेस को नहीं मिलने से नाराज पप्पू यादव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव रणभूमि में उतर आए। पप्पू यादव ने जदयू के संतोष कुमार को पराजित कर उनकी हैट्रिक लगाने के सपने को चूर कर दिया।
निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पप्पू यादव ने 3 बार हासिल की जीत
राजद की बीमा भारती तीसरे नंबर पर रही। निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव ने इससे पूर्व तीन बार पूर्णिया संसदीय सीट से वर्ष 1991, वर्ष 1996 और वर्ष 1999 में जीत हासिल की है। उन्होंने वर्ष 2004 में मधेपुरा लोकसभा सीट पर हुये उपचुनाव और वर्ष 2014 में मधेपुरा संसदीय सीट पर हुए आम चुनाव में भी जीत हासिल की है। पूर्णिया संसदीय सीट से इस बार का चुनाव जीतने के साथ ही पप्पू यादव सियासी पिच पर ‘सिक्सर' लगाने में कामयाब हुए।