एनडीए सहयोगियों को लेकर संजय सिंह ने ऐसा क्यों कहा- नायडू और नीतीश के मन में मोदी-शाह के लिए नहीं है सम्मान
नई दिल्ली
जनता ने अपना जनादेश दे दिया है जिसमें बीजेपी को सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को अपना सपोर्ट देने का संकेत दिया है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद ने बुधवार को कहा कि 2019 से पहले नायडू ने 'तानाशाही' के खिलाफ आवाज उठाई थी। सिंह ने यह जोर देकर यह भी कहा कि वो नीतीश कुमार ही थे जिन्होंने पूरे भारत ब्लॉक को एकजुट करने का काम किया था।
2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद इंडिया गठबंधन की बैठक को लेकर आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि पार्टियां बैठकर 'भविष्य का एक्शन' तय करेंगी। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के बारे में उन्होंने कहा, '2019 से पहले, चंद्रबाबू नायडू ने देश में सभी को एक साथ लाने की कोशिश की और तानाशाही के खिलाफ और देश के फेडरल स्ट्रक्चर को लेकर भी आवाज उठाई। नीतीश कुमार पूरे इंडिया ब्लॉक को एक साथ लाए। ऐसा नहीं है कि इन दोनों नेताओं के मन में नरेंद्र मोदी या अमित शाह के लिए कोई भक्ति या सम्मान है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं लेकिन भाजपा अपने गठबंधन में अन्य दलों- जेडी (यू) प्रमुख नीतीश कुमार और टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू के सपोर्ट पर निर्भर है, क्योंकि उसे 272 के बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए 32 सीटों की जरूरत है। 2014 में सत्ता में आने के बाद पहली बार भारतीय जनता पार्टी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है। 2019 के चुनाव में पार्टी को रिकॉर्ड 303 सीटें मिली थीं।
नायडू ने आज विजयवाड़ा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को अपना सपोर्ट देते हुए कहा, 'मैं एनडीए के साथ हूं। मैंने देश में बहुत सारे राजनीतिक बदलाव देखे हैं। मैं एनडीए में हूं। मैं एनडीए की बैठक में जा रहा हूं। अगर कुछ और होगा तो हम आपको बताएंगे।' नीतीश कुमार के प्रमुख सहयोगी संजय झा ने भी बिहार के सीएम द्वारा एनसीपी संरक्षक शरद पवार के साथ चर्चा की बात को खारिज करते हुए दावा किया कि जेडीयू एनडीए के प्रति प्रतिबद्ध है।
दोनों 'किंगमेकर' और एनडीए के सहयोगी दिल्ली पहुंच चुके हैं और एनडीए गठबंधन की बैठक में हिस्सा लेने जा रहे हैं। सात चरणों में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार को मतगणना हुई। जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 240 सीटें जीतीं, जो उम्मीद से बहुत कम थी। हालांकि, विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अपनी स्थिति में सुधार किया है। 2019 में पार्टी को जहां 52 सीटें मिली थीं वहीं 2024 में 99 पर जीत मिली।