देश

कन्याकुमारी में ध्यान के दौरान प्रधानमंत्री ने एक लोटे से समुद्र में सूर्य को जल अर्पित किया और माला जपी

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां विवेकानंद रॉक मेमोरियल में सूर्योदय के समय ‘सूर्य अर्घ्य’ देने के बाद शनिवार को तीसरे और अंतिम दिन अपनी ध्यान साधना शुरू की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ‘सूर्य अर्घ्य’ आध्यात्मिक अभ्यास से जुड़ी एक परंपरा है, जिसमें भगवान सूर्य को जल अर्पित कर उन्हें नमन किया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने एक लोटे से समुद्र में सूर्य को जल अर्पित किया और माला जपी। उन्होंने बताया कि मोदी भगवा वस्त्र पहने हुए थे और उन्होंने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। वह अपने हाथों में ‘जाप माला’ लेकर मंडपम के चारों ओर चक्कर लगाते दिखे। कन्याकुमारी सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्यों के लिए मशहूर है और मेमोरियल तट के पास एक छोटे-से टापू पर स्थित है। प्रधानमंत्री ने 30 मई की शाम को विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान साधना शुरू की थी और उनके शनिवार शाम तक ध्यान करने की संभावना है।

मोदी की ध्यान साधना पर राजनीति कर रहा है विपक्ष: भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को विपक्षी दलों पर कन्याकुमारी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ध्यान लगाने पर राजनीति करने का आरोप लगाया। भाजपा ने कहा कि विपक्ष के लोग न तो भारत को समझते हैं और न ही भारतीयता को समझते हैं। भाजपा के प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मोदी भारत राष्ट्र के सांस्कृतिक और पारंपरिक लोकाचार के साथ जीते हैं, जो देश के विभिन्न भागों में स्थित मंदिरों में तथा यहां तक ​​कि बलूचिस्तान जैसे स्थान में भी दिखाई देते हैं।

उन्होंने कहा कि विपक्ष इसे कभी नहीं समझ सकता, क्योंकि वह सनातन धर्म को मिटाना चाहता है और 'शक्ति' से लड़ना चाहता है। त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल भारत की परंपराओं, मंदिरों और इसके पवित्र स्थलों के पुनरुद्धार के प्रयासों से नफरत करते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे मौन साधना में लीन एक नेता से भी नफरत करते हैं। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू और राहुल गांधी का नाम लेते हुए कहा कि लेकिन मुगल शासक बाबर की कब्र पर श्रद्धांजलि अर्पित करना उनकी परंपरा है। त्रिवेदी ने यह भी कहा कि उन्होंने इफ्तार का भी आयोजन किया जिसमें न तो मेजबान और न ही मेहमान रोजा रखने वाले थे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button