छत्तीसगड़

‘बीजापुर-छत्तीसगढ़ मुठभेड़ में नक्सली नहीं, निर्दोष ग्रामीण मारे गए’: सर्व आदिवासी समाज का दावा

बीजापुर.

बीजापुर जिले के पीडिया गांव में 10 मई को पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ को सर्व आदिवासी समाज के द्वारा फर्जी बताया जा रहा है। उनका कहना है कि पुलिस जवानों ने निर्दोष ग्रामीणों को मारने के बाद उन्हें नक्सली घोषित किया है। इसके अलावा कोंडागांव के जिला अध्यक्ष के ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज करते हुए जिलाबदर कर दिया गया है। इन मामलों को लेकर बंद का आव्हान किया गया है।

सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष गंगा नाग ने बताया कि सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग की संभाग स्तरीय बैठक 21 मई को की गई। जिसमें इस बात को कहा गया कि कुछ दिन पहले बीजापुर जिले के पीडिया गांव में पुलिस और नक्सलियों के बीच मे मुठभेड़ हुई, जिसके लिए समाज की ओर से 58 सदस्यों की एक टीम 17 मई को जांच के लिए भेजा गई। यहां इस बात का पता चला कि जिस दिन की घटना बताई जा रही है, उस दिन मारागुमेड तेंदूपत्ता खरीदी फंड में कुछ ग्रामीण तेंदूपत्ता खरीदने तो कुछ बेचने के लिए गए हुए थे। अचानक से पुलिस टीम को आता देख ग्रामीण डर के चलते भाग खड़े हुए। इस दौरान पुलिस की टीम ने चारों ओर से ग्रामीणों को घेर लिया। कुछ ग्रामीण पेड़ पर चढ़ गए तो कुछ लोग झाड़ियों के पीछे छुप गए। ग्रामीणों ने अपने आप को साधारण ग्रामीण बताने के बाद भी पुलिस टीम ने ग्रामीणों को गोली मारी। पेड़ पर चढ़े ग्रामीण ताती सुक्कू को गोली लगने के बाद उसका शव पेड़ में ही लटका रहा, जिसे बाद में पुलिस जवानों ने पेड़ से उतारा। इसके अलावा जिस ग्रामीण को मरने के बाद इनामी घोषित किया था। वह अभी भी जिंदा है, जबकि एक जेल में बंद है। यह मुठभेड़ पूरी तरीके से फर्जी है। इस मामले को लेकर ही 28 मई को नगर बंद का आव्हान किया गया है।
जिस पर बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स को भी इसमें समर्थन देने के लिए पत्र लिखा गया है, जिस पर उन्होंने भी इस पर अपनी सहमति देते हुए आधे पहर के लिए अपनी दुकानों से लेकर प्रतिष्ठानों को बंद करने की बात कही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button