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बिभव के खिलाफ शिकायत दिए बिना थाने से लौट गई थीं स्वाति मालीवाल, कहा- इसे ‘राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना था’

नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार पर उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया है। यह घटना 13 मई की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि सीएम आवास में उन पर हुए हमले के बाद वह सिविल लाइन्स थाने भी पहुंची थीं लेकिन बिना कोई लिखित शिकायत दिए वहां से वापस लौंट आईं। इसके कुछ दिनों बाद पुलिस उनके घर गई, तब जाकर उन्होंने पुलिस को लिखित शिकायत दी। इस बीच एक बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि स्वाति 13 मई को लिखित शिकायत दिए बिना वापस क्यों चली गईं। अब उन्होंने खुद इसका जवाब दिया है। उन्होंने बताया है कि जैसे ही वह थाने गईं, तो उन्हें काफी सारे फोन आने लगे। इससे वो इतनी डर गईं कि बिना शिकायत दिए ही वापस आ गईं।

'राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना था'
उन्होंने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, जब मैं पुलिस स्टेशन में थी तो मुझे कई मीडिया कॉल आए। जैसे ही मुझे इतने सारे मीडिया कॉल आए, मैं घबरा गई। मुझे लगा कि अगर मैंने अभी कंप्लेंट की तो काफी सारी मीडिया आ जाएगी। मैं इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहता थी और दूसरी बात मुझे काफी दर्द भी हो रहा था। इसलिए मैं वहां से उठ कर घर आ गई।  

बता दें, स्वाति मालीवाल ने अपनी शिकायत में बिभव पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि 13 मई को जब वह सीएम से मिलने गईं तो बिभव ने बिना किसी उकसावे के उनपर हमला किया। उन्हें 7-8 थप्पड़ मारे, उन्हें घसीटा और लात भी मारी। स्वाति मालीवाल की शिकायत के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बिभव को गिरफ्तार कर लिया था और अब बिभव 4 दिनों की न्यायिक हिरासत में है। इससे पहले दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्हें 5 दिनों की पुलिस हिरासत में भी भेजा था। तब पुलिस ने कहा था कि उन्होंने मुंबई जाकर अपना फोन फॉर्मेट किया है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की भी आशंका है।

बिभव ने दाखिल की जमानत याचिका
उधर  बिभव कुमार ने एक अदालत में जमानत याचिका दायर की है। अदालत ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। अदालत के सूत्रों ने बताया कि कुमार को शुक्रवार को चार दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद उनके वकीलों ने याचिका दायर की और कहा कि याचिका सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। बिभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह पुलिस हिरासत में हैं। पिछले शनिवार को दायर की गई उनकी अग्रिम जमानत याचिका को अदालत ने निरर्थक माना था। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि बिभव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, अपने जवाब देने में टाल-मटोल कर रहे हैं और उन्होंने अपने मोबाइल फोन का पासवर्ड भी नहीं बताया है।

 

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