प्रदेश के 627 थानों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण किया, जिससे 2 हजार 216 गांवों की थानों से दूरी कम हुई- CM यादव
भोपाल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि धार्मिक स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अनियंत्रित उपयोग पर रोक का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। इस संबंध में उन्होंने जनजागरण के लिए गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए, साथ ही कहा कि रोक पर कोई समझौता नहीं होगा।
सीएम डॉ यादव ने यह बात शुक्रवार को भोपाल स्थित मंत्रालय में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान कही। बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, प्रमुख सचिव गृह संजय दुबे, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
पुलिस से त्वरित कार्रवाई करने को कहा
बैठक में उन्होंने कहा कि खुले में मांस की बिक्री पर भी नजर रखी जाए और डीजे पर भी नियंत्रण हो। साथ ही जुआ, सट्टा, प्रॉपर्टी संबंधी अपराध, धोखाधड़ी और साइबर क्राइम पर प्रभावी नियंत्रण के लिए हर स्तर पर सजग और त्वरित कार्रवाई की जाए। महिलाओं के विरूद्ध अपराध करने वालों पर कठोरतम कार्रवाई हो। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी रात्रि में थानों का आकस्मिक निरीक्षण सुनिश्चित करें।
अपराध वाले इलाकों में CCTV लगाने को कहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में अधिक आपराधिक गतिविधियां घटित होती हैं, वहां CCTV कैमरे की व्यवस्था की जाए। ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा जनजातीय कार्य विभाग के सहयोग से CCTV कैमरे लगाने की दिशा में प्रयास हों। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि थानों की सीमाओं के पुनर्निर्धारण से प्रदेश के दो हजार से अधिक गांव लाभान्वित हुए हैं। इसी आधार पर जिलों की सीमाओं की विसंगतियों को दूर कर थानों की सीमाओं का भी तद्नुसार समायोजन किया जाए। अन्य राज्यों के बड़े शहरों की व्यवस्था का अध्ययन कर प्रदेश के प्रमुख शहरों की व्यवस्था के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएं।
लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने को कहा
डॉ यादव ने कहा कि लापरवाही करने और कर्त्तव्य के प्रति गंभीर नहीं रहने वाले पुलिसकर्मियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। पुलिसकर्मियों द्वारा बेहतर कार्य के लिए प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाने वाले आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के मामले लंबित न रहें, उन्हें तत्काल पदोन्नति प्रदान की जाए। बैठक में बताया गया कि 15 दिसम्बर से अब तक प्रदेश में 2 हजार 926 पदोन्नतियां की गईं हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सांसी, कंजर, पारधी परिवारों की अगली पीढ़ी के युवाओं को समाज की मुख्य धारा में लाने की दिशा में भी प्रयास हों।
डोडा चूरा को माना जाए फसल
डॉ यादव के समक्ष प्रदेश में चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान और आतंकवादी गतिविधियों पर नियंत्रण व लगातार की जा रही कार्रवाई की जानकारी प्रस्तुत की गई। उन्होंने कहा कि अंतर्राज्यीय अपराधों और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के संबंध में प्रदेश की सीमा से लगे सभी राज्यों के साथ निश्चित समयावधि में बैठक की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि डोडा-चूरा को फसल मानकर उसकी नीलामी की व्यवस्था हो।
प्रदेश के कॉलेजों में फॉरेंसिक साइंस पढ़ाया जाएगा
उन्होंने कहा है कि नए आपराधिक कानून लागू करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण, जागरूकता, तकनीकी उन्नयन और नवीन पदों के सृजन की दिशा में तेजी से कार्रवाई की जाए। प्रदेश के महाविद्यालयों में फॉरेंसिक साइंस के पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएं। सायबर अपराध से लोगों को बचाने के लिए सघन जागरूकता अभियान चलाया जाए। सुनिश्चित किया जाए कि पुलिसकर्मियों को मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का लाभ आसानी से मिलता रहे और उनके देयक लंबित न हों। पुलिसकर्मियों को निजी आवास खरीदने के लिए दी जाने वाली अनुमति की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए और आसानी से निजी आवास लेने के लिए व्यवस्था विकसित की जाए।
उन्होंने प्रत्येक जिले में पुलिस बैंड विकसित करने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर बैंड, ढोल सहित अन्य परम्परागत वाद्य यंत्रों को प्रोत्साहित करने के लिए गतिविधियां संचालित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन में आपसी सहमति से अतिक्रमण हटाने के लिए की गई कार्यवाही साम्प्रदायिक सौह्रार्द का आदर्श और अनुकरणीय उदाहरण है।