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मतदान आंकड़े अपलोड करने को लेकर SC की दो टूक, चुनाव चल रहा है, हम आयोग को कोई निर्देश नहीं देंगे

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट (SC) ने शुक्रवार को एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें निर्वाचन आयोग (ECI) को केंद्रवार मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। याचिका में प्रत्येक बूथ पर मतदान समाप्त होने के 48 घंटों के भीतर डाले गए और/या खारिज किए गए वोटों सहित मतदान प्रतिशत डेटा जारी करने की मांग की गई थी। हालांकि शीर्ष अदालत ने इन याचिकाओं को लोकसभा चुनाव के बाद तक के लिए स्थगित कर दिया है।

अदालत की एक अवकाशकालीन पीठ ने तर्क दिया कि अगर इस पर तत्काल फैसला दिया जाता है और "प्रक्रिया को बीच में ही बदला जाता है तो इससे चुनाव के दौरान चुनाव आयोग पर अधिक बोझ पड़ सकता है।" पीठ ने यह भी कहा कि सात में से पांच मतदान चरण पूरे हो चुके हैं और परिणाम दो सप्ताह से भी कम समय में 4 जून को आने वाले हैं। न्यायालय ने कहा कि निर्वाचन आयोग के लिए वेबसाइट पर मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपलोड करने के काम में लोगों को लगाना मुश्किल होगा। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि वह फिलहाल ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं कर सकती क्योंकि चुनाव के पांच चरण संपन्न हो चुके हैं और दो चरण बाकी हैं। शीर्ष अदालत ने एनजीओ ‘असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एआरडी) की ओर से दाखिल अंतरिम अर्जी (एआई) स्थगित कर दी और इसे चुनाव बाद नियमित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा। पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि अर्जी में किया गया अनुरोध इसी मुद्दे पर 2019 से लंबित मुख्य याचिका के समान हैं।

पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग के लिए वेबसाइट पर मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपलोड करने के काम में लोगों को लगाना मुश्किल होगा। पीठ ने कहा, ‘‘एआई में कोई भी राहत देना मुख्य याचिका में राहत देने के समान होगा,जो लंबित है।’’ अदालत ने एडीआर से सवाल किया और जोर देकर कहा कि वह चुनाव के बीच में हस्तक्षेप नहीं करेगा। न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, "इस आवेदन पर चुनाव के बाद सुनवाई की जाएगी… चुनाव के बीच में, हाथ खड़े करते हैं! हम (चुनावी प्रक्रिया) बाधित नहीं कर सकते… हम भी जिम्मेदार नागरिक हैं।"

उच्चतम न्यायालय ने 17मई को एनजीओ की याचिका पर निर्वाचन आयोग से एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा था जिसमें लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण का मतदान संपन्न होने के 48 घंटे के अंदर मतदान केंद्रवार मत प्रतिशत के आंकड़े आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। एआरडी ने अपनी 2019 की जनहित याचिका में एक अंतरिम आवेदन दायर किया जिसमें उसने निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने की अपील की कि सभी मतदान केंद्रों के ‘फॉर्म 17 सी भाग-प्रथम (रिकॉर्ड किए गए मत) की स्कैन की गई पढ़ने योग्य प्रतियां’ मतदान के तुरंत बाद अपलोड की जाएं।

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