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सुप्रीम कोर्ट ने कस दिया आतंकियों पर शिकंजा, पुलवामा जैसा हमला, फेल हो गई थी साजिश

नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के बनिहाल में पुलवामा की ही तर्ज पर आतंकियों की साजिश के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए केस चलाने का आदेश दिया है। मार्च 2019 में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले की साजिश रचने के आरोप में हिजबुल मुजाहिद्दीन के 6 आतंकियों को गिरप्तार किया गया था। इससे पहले 14 फरवरी को ही पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था जिसमें 40 सीआरपीएफ जवानों की जान चली गई थी। यह हमला पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद ने करवाया था।

जस्टिस एमएम सुंदरेश और एसवीएन भट्टी की बेंच ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के अप्रैल 2021 के फैसले को दरकिनार करते हुए केस चलाने के आदेश दिया है। बता दें कि हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा  था जिसमें शुरू करने में कुछ कमी की वजह से संदिग्धों को दोषमुक्त करने का आदेश दे दिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो भी कमी थी उसे दूर किया जा सकता था। इसके लिए संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को तय प्रक्रिया के तहत काम करने की जरूरत थी।

कोर्ट के फैसले को पढ़ते हुए जज ने कहा कि इसे मंजूरी के लिए अधिकारियों पर छोड़ दिया गया था। वहीं अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू इस मामले में जांच एजेंसी की तरफ से पेश हुए थे। 30 मार्च 2019 को संदिग्ध हिजबुल आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर पुलवामा जैसा ही आत्मघाती हमला करने की कोशिश की थी। बनिहाल में जम्मू-श्रीनगर हाइववे  पर एक संदिग्ध अमीन ने संट्रो कार के जरिए विस्फोट कराने का प्रयास किया। हालांकि बस में सवार जवान बच गए। केवल बस के पीछे का शीशा टुटा था। सिलिंडर फटने की वजह से कार में पहले ही  विस्फोट हो गया। अमीन भी किसी तरह भाग निकला था। हालांकि एक दिन बाद ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

इसके बाद एक-एक कर इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनके नाम उमर शाफी, आकिब शाफी शाह, वसीम अहमद डार, हिलाल अहमद मंटू और शाहिद अहमद वानी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को जांच सौंप दी। एनआईए ने सितंबर 2019 में चार्जशीट फाइल की। इसमें अमीन और अन्य पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था। हालांकि मार्च 2020 में जम्मू-कश्मीर की एक विशेष अदालत ने अमीन को बरी कर दिया। कोर्ट का कहा था कि डीएम बिना सरकार की मंजूरी के इस मामले में केस नहीं दर्ज करवा सकते थे।

अमीन को दोषमुक्त करने के फैसले को हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा। एनआईए ने फरवरी 2021 में एक सप्लिमेंट्री चार्जशीट फाइल की। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक पूर्व पुलिस कॉन्स्टेबल नवीन मुश्ताक को भी आरोपी बनाया गया था। एनआईए के मुताबिक शाह भी आतंकी हमले की साजिश में शामिल था। उसके अलावा रिजाय अहमद नाइकू, रयीसी अहमद खान और सैफुल्लाह मीर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए। नाइकू कश्मीर का वॉन्टेड आतंकी था।

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