झुंझुनू में HCL की कोलिहान खदान में हुए लिफ्ट हादसे में फंसे सभी 14 लोग सुरक्षित बाहर निकाले गए
झुंझुनू
राजस्थान के झुंझुनू में मंगलवार की रात हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) की कोलिहान खदान (Kolihan Mine) में बड़ा हादसा हो गया. खदान में बनी लिफ्ट की अचानक रस्सी टूट जाने से लिफ्ट करीब 1875 फीट नीचे जा गिरी. इस हादसे में 14 लोग फंस गए थे. हादसे के बाद सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और बचाव दल की टीम पहुंच गई थी और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था. जानकारी के मुताबिक सभी 14 लोगों को अब सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.
करीब 11 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
जानकारी के मुताबिक ये हादसा तब हुआ जब विजिलेंस टीम कंपनी के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथा कंपनी का निरीक्षण कर रही थी. हादसे के बाद फंसे अधिकारियों को निकालने के लिए करीब 11 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. रेस्क्यू के दौरान मौके पर एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम तैनात थी. लिफ्ट के एग्जिट वाले गेट के पास करीब आधा दर्जन एंबुलेंस खड़े किए गए थे. फंसे हुए लोगों के लिए देर रात फूड पैकेट और कुछ दवाइयां भी भेजी गई थीं. पीटीआई से मिले अपडेट के मुताबिक फिलहाल सभी फंसे हुए लोगों को बाहर निकाल लिया गया है.
सुरक्षित बाहर निकाले गए लोगों को भेजा गया जयपुर
अधिकारियों को खदान से रेस्क्यू किए जाने के बाद उन्हें तुरंत डॉक्टरों की देखरेख में एंबुलेंस में बैठाया गया और एहतियातन उन्हें जयपुर के अस्पताल में रेफर किया गया है, जहां उनकी जरूरी जांचें की जाएंगीं. फिलहाल सभी लोग सुरक्षित हैं. हालांकि 3 लोगों को गंभीर चोटें आने की बात भी सामने आई है. फंसे हुए लोगों में ज्यादातर एचसीएल के कर्मी और अधिकारी बताए जा रहे हैं.
खदान में फंसे अधिकतर एचसीएल के ही कर्मचारी थे। खदान के बाहर आधार दर्जन एंबुलेंस को तैनात किया गया था।बता दें कि खदान की लिफ्ट टूटने की वजह से 1800 फीट गहरी खदान में ये सभी लोग फंस गए थे।
जानकारी के अनुसार यह हादसा लिफ्ट की रस्सी टूटने की वजह से हुआ। खदान के भीतर फंसे अधिकारियों में केसीसी यूनिट चीफ जीडी गुप्ता, मुख्य सतर्कता अधिकारी उपेंद्र पांडे जो दिल्ली से आए थे, कोलिहान खदान के उप महाप्रबंधक एके शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार विकास पारीक,विनोद सिंह शेखावत, एके बैरा,अर्णव भंडारी, यशोराज मीणा, वनेंद्र भंडारी,निरंजन साहू, करण सिंह गहलोत, प्रीतम सिंह, हरसीराम,भगीरथ शामिल थे। पत्रकार विकास पारीक खदान के अंदर फोटोग्राफी के लिए गए थे।