देश

जयपुर बम ब्लास्ट की 16वीं बरसी पर संकटमोचक मंदिर में पढ़ा हनुमान चालीसा

जयपुर.

राजधानी में 13 मई 2008 में हुए बम धमाकों से पीड़ित परिवारों का दर्द सोमवार को सांगानेरी गेट स्थित पूर्वमुखी हुनमान जी महाराज के सामने झलका। 16वीं बरसी पर जयपुर वासी सांगानेरी गेट स्थित हनुमान मंदिर के बाहर जुटे और श्री हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ कर बम धमाकों में मारे गए व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर भगवान श्री हनुमान की मनमोहक झांकी सजाई गई, जिसमें हजारों की संख्या में सर्व समाज के श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान श्रद्धालुओं का एक छोर जहां सांगानेरी गेट पर था तो दूसरा बड़ी चौपड़ छू रहा था। चारदीवारी के इतिहास में 03 जून 2023 के बाद दूसरी बार दूधिया रोशनी में भक्तों ने सड़क पर बैठकर जैसे ही हनुमान चालीसा की चौपाइयां पढ़नी शुरू कीं, तो वातावरण भक्तिमय हो गया। बैंड और ड्रम वादकों की जुगलबंदी के बीच गूंजती शंख ध्वनि ने श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। जय श्रीराम और भारत माता के जयकारों के बीच हुए इस आयोजन में युवाओं और बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। उत्साही जनों ने श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की।

पीड़ित परिवारों का हुआ सम्मान
हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य, भाजपा नेता मंजू शर्मा, गायत्री परिवार के मनु महाराज सहित बड़ी संख्या में विशिष्ट जन उपस्थित रहे। इस मौके पर 13 मई 2008 को बम ब्लास्ट में शहीद हुए मृत्यु के परिजनों को सम्मानित किया गया।

साधु संतों ने करवाई हनुमान चालीसा
संत अमरनाथ महाराज ने कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ व्यक्तिगत रूप से करने के साथ ही समय-समय पर सामूहिक रूप से भी करना चाहिए। इससे देश और समाज के संकट दूर होते हैं। हनुमान चालीसा की चालीस चौपाइयों में अपार शक्ति समाहित है।

रवि नैयर बने मसीहा
13 मई 2008 को करीब 70 लोग शहीद हुए थे। बम ब्लास्ट के बाद कई समाज सेवक भी आगे आए। उसमें से एक भाजपा नेता रवि नैयर भी थे। बम ब्लास्ट में शहीद के परिवारों की शादी का खर्चा रवि नैयर ने उठाया। शहीद की बेटियों की शादी का खर्चा भी खुद किया, जिससे पीड़ित परिवारों पर कोई बोझ ना पड़े।

भगवामय हुआ सांगानेरी गेट
हनुमान चालीसा के दौरान वहां मौजूद सभी भक्तों के सिर पर भगवा कलर का साफा भी दिखाई दिया।

ना जाने गुनहगारों को कब मिलेगी सजा?
पीड़ित अभिनव तिवाड़ी का कहना है कि मैं उस समय में 13 साल का था। मेरे पिताजी मुकेश तिवाड़ी उस रात चांदपोल स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन करने गए और सदैव के लिए हमसे दूर चले गए। हम तो पीड़ित है, पिताजी को खो दिया। हम तो बैठे-बैठे देख ही सकते हैं, कर क्या सकते हैं? न जाने गुनहगारों को कब सजा मिलेगी?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button