खेल-जगत

लकड़ी के चम्मच पर क्रिकेटरों के चेहरे उकेर विश्व रिकॉर्ड बनाया पांडुरंगा राव ने

भिलाई
भिलाई स्टील प्लांट के रिटायर अफसर और देश के प्रख्यात कार्टूनिस्ट बी वी पांडुरंगा राव लकड़ी के चम्मचों पर भारतीय क्रिकेटरों के 110 चेहरों को चित्रित कर के लिए इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया में शामिल होने का अनूठा सम्मान अर्जित किया है। इसके अलावा पांडुरंगा राव को कार्टून कला के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों और दूसरों को प्रेरित करने के लिए समाज में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए कला और संस्कृति की श्रेणी में प्रतिष्ठित आई कैन फाउंडेशन प्राइड आॅफ भारत 24 पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

पांडुरंगा राव ने अपनी इन उपलब्धियों को भिलाई बिरादरी को को समर्पित किया है। दो दशक पहले भिलाई स्टील प्लांट से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के उपरांत राव अपने गृह ग्राम बैंगलुरू में रह रहे हैं। उन्होंने अपनी उपलब्धियों पर कहा है कि कार्टून व अन्य विधाओं को विकसित करने में उन्हें भिलाई स्टील प्लांट और भिलाई बिरादरी ने हमेशा प्रोत्साहित किया। इस वजह से आज वह राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपना योगदान दे पाए हैं।

पांडुरंगा राव ने बताया कि उन्होंने वर्तमान क्रिकेटरों जैसे विराट कोहली, जसप्रित बुमराह, अर्शदीप सिंह, रवींद्र जड़ेजा आदि और पूर्व क्रिकेटरों जैसे सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, सुनील गावस्कर, वीनू मांकड़, एनएके पटौदी, विजय मर्चेंट और लाला अमरनाथ के चेहरे लकड़ी के चम्मच पर उकेरे हैं। जिसमें प्रत्येक की लंबाई 16 इंच है। इसे बनाने में उन्हें पूरे 26 दिन लगे। सम्मान स्वरूप उन्हें इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया ने सर्टिफिकेट, मेडल और ट्रॉफी से सम्मानित किया है।

एक अन्य जानकारी में 80 वर्षीय पांडुरंगा राव ने बताया कि लिए कला और संस्कृति की श्रेणी में प्रतिष्ठित आई कैन फाउंडेशन प्राइड आॅफ भारत 24 पुरस्कार से उन्हें जयपुर में आयोजित समारोह में सम्मानित किया गया। क्रिकेटरों के चेहरे लकड़ी के चम्मच पर उकेरने के संबंध में पांडुरंगा राव ने बताया कि भिलाई में रहते हुए उन्होंने पूरे जुनून के साथ क्रिकेट खेला है और अंपायरिंग भी की है। इसलिए एक आदरांजलि स्वरूप क्रिकेटरों के चेहरे चम्मच पर बनाए हैं।
उल्लेखनीय है कि पांडुरंगा राव ने 14 बार लिम्का बुक आॅफ रिकॉर्ड्स, 13 बार इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स, 13 बार वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, यूआरएफ एशिया रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। उन्हें एशिया ग्रैंड मास्टर और यूआरएफ लीजेंड पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। उम्र के इस पड़ाव में भी वे पूरी ऊर्जा के साथ क्रिकेट और बैडमिंटन का लगातार अभ्यास करते रहते हैं और कार्टून, फ्लिप बुक, एनिमेशन व पेंटिंग सहित अन्य विधाओं में सक्रिय रहते हैं।

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