इजरायली दूत ने महासभा में संयुक्त राष्ट्र चार्टर की एक कॉपी फाड़ दी, खूब सुनाया, भारत ने नहीं दिया साथ
न्यूयॉर्क
संयुक्त राष्ट्र (UN) में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने फिलिस्तीन को अतिरिक्त अधिकार देने के लिए हुए मतदान के विरोध में यूएन चार्टर की कॉपी फाड़ डाली। उन्होंने महासभा में संयुक्त राष्ट्र चार्टर की एक कॉपी फाड़ दी। इसके लिए वे अपने साथ एक छोटा पेपर श्रेडर लेकर गए थे। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में इजरायली दूत को संयुक्त राष्ट्र की मूलभूत संधि यानी इसके चार्टर की एक कॉपी को श्रेडर में डालकर फाड़ते हुए देखा जा सकता है।
इजरायल के राजदूत का ये कदम ऐसे समय में आया है जब फिलिस्तीन को सुरक्षा परिषद का पूर्ण सदस्य बनाए जाने के प्रस्ताव पर मतदान होने जा रहा था। फिलिस्तीन को वर्तमान में "पर्यवेक्षक" का दर्जा प्राप्त है। हालांकि उनके विरोध के बावजूद फिलिस्तीन के समर्थन में 143 वोट पड़े जबकि 9 वोट इस प्रस्ताव के विरोध में पड़े। एर्दान ने कहा कि उन्होंने चार्टर की कॉपी विरोध दर्ज कराने के लिए फाड़ी क्योंकि महासभा इसकी उपेक्षा कर रही है। उन्होने कहा कि महासभा अपने ही चार्टर को नहीं मान रही है। श्रेडर में चार्टर रखते हुए इजरायली दूत ने कहा, "आप अपने हाथों से संयुक्त राष्ट्र चार्टर के टुकड़े-टुकड़े कर रहे हैं…आपको शर्म आनी चाहिए।" एक बेहद कड़े शब्दों वाले भाषण में, एर्दन ने कहा कि "जिस तरह से हिटलर ने अत्याचार किया वैसे ही अब हमारे समय में फिलिस्तीनी आतंकवादी राज्य की स्थापना को आगे बढ़ाया जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र के सदस्य के रूप में स्वीकार करने से "एक ऐसी इकाई को देश के अधिकार मिल जाएंगे जो पहले से ही आंशिक रूप से आतंकवादियों द्वारा नियंत्रित है। इसे बच्चों की हत्या करने वाले हमास बलात्कारी चलाएंगे।" इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर ने वोट को "ऐतिहासिक" और "महत्वपूर्ण" बताया। फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बनाने की मांग को लेकर महासभा में पेश किए गए प्रस्ताव के समर्थन में भारत ने भी वोट किया है। वहीं 25 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। अमेरिका और इजरायल सहित नौ देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया।
भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उस मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसमें कहा गया है कि फलस्तीन इस वैश्विक संस्था का पूर्ण सदस्य बनने के योग्य है और उसे सदस्यता दी जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा के विशेष सत्र की सुबह आपातकालीन बैठक हुई, जहां मई महीने के लिए महासभा के अध्यक्ष संयुक्त अरब अमीरात ने वैश्विक संस्था में फलस्तीन की पूर्ण सदस्यता के समर्थन में अरब समूह का प्रस्ताव 'संयुक्त राष्ट्र में नए सदस्यों का प्रवेश' प्रस्तुत किया। भारत समेत 143 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, विरोध में नौ वोट पड़े जबकि 25 सदस्य अनुपस्थित रहे। मतदान के बाद यूएनजीए भवन तालियों से गूंज उठा। प्रस्ताव में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 4 के अनुसार "फलस्तीन संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के लिए योग्य है" और "इसलिए उसे सदस्यता दी जानी चाहिए।”