उत्तर प्रदेश

अत्यधिक पढ़े लिखे लोगों को बोलने से पहले कम से कम एक बार तो सोचना चाहिए : रॉबर्ट वाड्रा

नई दिल्ली

कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सैम पित्रोदा की नस्लवादी टिप्पणी पर भड़ास निकालते हुए कहा है कि उनके जैसे अत्यधिक पढ़े लिखे लोगों को बोलने से पहले कम से कम एक बार तो सोचना चाहिए था कि वह क्या कहने जा रहे हैं। उन्होंने इस पर घोर आश्चर्य जताया कि सैम पित्रोदा ने ऐसी विवादित टिप्पणी कैसे की? इसके साथ ही वाड्रा ने पित्रोदा के बयान को बकवास करार दिया है।

वाड्रा ने कहा, "जब आप इस (गांधी) परिवार से जुड़े होते हैं, तो बड़ी ताकत के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है, कोई भी कदम उठाने से पहले आपको सोचना पड़ता है। सैम पित्रोदा ने जो कहा है, मैं उससे सहमत नहीं हूं। उन्होंने'बकवास की है'। इतना पढ़ा-लिखा आदमी ऐसा कैसे कह सकता है? वह राजीव गांधी के बहुत करीबी थे। उन्हें थोड़ा और जिम्मेदार होना चाहिए था। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा खूब मेहनत कर रहे हैं लेकिन उनके एक बयान की वजह से भाजपा को अनावश्यक तरीके से ऐसे मुद्दे को उठाने का मौका मिल गया है।"

वाड्रा ने कहा, "आप किसी कमरे में सोफे पर बैठकर ही सबकुछ नहीं कह सकते। अगर आपको सरकार की गलतियों के बारे में बात करनी है या कमियां बतानी है तो आपको क्षेत्र में जाना ही होगा। उन्होंने जो कुछ कहा, वह पूरी तरह से बकवास है। मुझे बहुत खुशी है कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मैंने कल ही उन्हें लिखा था कि आपने जो कहा वह सब ठीक नहीं है।"

बता दें कि सैम पित्रोदा ने एक इंटरव्यू कहा था, ‘‘हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं। जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं।’’ उनकी इस टिप्पणी की पीएम मोदी समेत भाजपा के कई नेताओं ने घोर आलोचना की थी और उसे नस्लवादी और विभाजनकारी बताया था। कांग्रेस ने भी उस बयान से किनारा कर लिया था।

वाड्रा ने केंद्रीय मंत्री और अमेठी से भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी की भी आलोचना की और आरोप लगाया कि वह अडाणी के साथ उनकी तस्वीर दिखाकर उनके नाम का गलत इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने कहा, "जब मैंने अमेठी, रायबरेली या मुरादाबाद में जमीनी हकीकत जानने के लिए कुछ लोगों से मुलाकात की और इस दौरान जहां भी गया, वहां के लोगों का मानना ​​है कि मुझे सक्रिय राजनीति में आ जाना चाहिए। मैं 1999 से उस क्षेत्र में लोगों के बीच रहा हूं, सोनिया गांधी के लिए प्रचार किया है और 2004 में उन्हें भारी बहुमत से जिताने में कड़ी मेहनत भी की है।"

वाड्रा ने कहा कि अमेठी-रायबरेली के लोगों के साथ उनका गहरा रिश्ता है और अमेठी की सांसद चाहती हैं कि वो एक तस्वीर दिखा कर उन्हें उन लोगों के बीच बदनाम कर देंगी तो यह मुश्किल है। वाड्रा ने कहा कि उन्होंने खुद स्मृति ईरानी को सबूत देने की चुनौती दी है लेकिन वह फेल रही हैं।

उन्होंने कहा, "मैं गांधी परिवार का सदस्य हूं। दुनिया भर से लोग मुझसे मिलने आते हैं। मैंने तो बराक ओबामा और नेल्सन मंडेला से भी मुलाकात की है। मैंने स्मृति ईरानी को चुनौती दी कि मेरे पास भी आपके बारे में बहुत सारी जानकारी है, लेकिन मैंने कभी भी उनके बारे में कुछ भी गलत नहीं कहा। मैंने उनसे कहा कि अडाणी के मामले में मेरे खिलाफ कुछ भी है तो वह साबित करें, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।"

 

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