झारखंड में कल्पना के जरिये जेल से हेमंत का गुरुजी की बीमारी का सियासी सहारा
रांची.
झारखंड में संसदीय चुनाव के बीच विधानसभा के लिए गांडेय सीट पर उपचुनाव भी सुर्खियों में है। इस सीट पर झारखंड ही नहीं, देशभर के सियासी पंडितों की भी नजरें हैं। वजह है, यहां से कल्पना सोरेन की उम्मीदवारी। दरअसल, झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन बीमार हैं। उनकी सियासी सल्तनत को लेकर परिवार में जंग छिड़ी है। दुर्गा सोरेन के निधन के बाद हेमंत ने पार्टी की कमान संभाली और मुख्यमंत्री बने।
जमीन के मामले में ईडी ने उन्हें जेल भेजा, तब चंपई सोरेन को कुर्सी तो मिल गई, मगर गुरुजी की गद्दी के लिए परिवार से ही एक और वारिस की तलाश है। नए चेहरे के तौर पर अब कल्पना सोरेन सियासी जंग में उतरी हैं। गांडेय विधानसभा सीट से उन्हें उपचुनाव लड़ाकर भावी चुनौतियों के लिए तैयार किया जा रहा है। विरोधियों का मानना है कि गुरुजी की बीमारी के चलते इस सियासी चौसर के पीछे पूरा दिमाग पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ही है। झारखंड में सोरेन परिवार की अंदरूनी जंग इन दिनों गली-गांव तक चर्चाओं में है। कोडरमा संसदीय क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्र गांडेय में 20 मई को उपचुनाव भी है। यहां से विधायक सरफराज अहमद के सीट छोड़कर राज्यसभा जाने से उपचुनाव हो रहा है। माना जा रहा है कि कल्पना के लिए ही सीट खाली कराई गई थी। वह गांव, गली और मोहल्लों में जाकर पति हेमंत के साथ भाजपा की ज्यादती के नाम पर वोट मांग रही हैं। कल्पना की मैदान में सक्रियता के साथ ही गांडेय में प्रचार जोर पकड़ रहा है।
हेमंत-कल्पना ने छीना मेरा हक : सीता
झामुमो से हेमंत सोरेन के बाद कल्पना को नए चेहरे के रूप में पेश करने से उनकी भाभी और दुमका से भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन नाखुश हैं। दावा करती हैं कि उनके पति दुर्गा सोरेन ने पूरा संगठन खड़ा किया। चूंकि वह भी उनके साथ हर पल रहती थीं, इसलिए क्षेत्र में लोग उन्हें ही पहचानते हैं। पति के निधन के बाद लगा था कि उन्हें ही आगे बढ़ाया जाएगा, मगर ऐसा हुआ नहीं। पहले देवर हेमंत ने उनका हक छीना और अब देवरानी कल्पना भी छीन रही हैं।