फिलिस्तीन के सपोर्ट में पोस्ट लाइक करने पर स्कूल ने मुस्लिम प्रिंसिपल से मांगा इस्तीफ़ा
मुंबई
सोमैया स्कूल की प्रिंसिपल को इजरायल और हमास युद्ध पर पोस्ट करना भारी पड़ गया। स्कूल की प्रिंसिपल परवीन शेख ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट की। इसमें उन्होंने हमास के प्रति समर्थन व्यक्त किया। स्कूल मैनेजमेंट ने उन्हें जल्द से जल्द पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। हालांकि, उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था। इसके बाद अब मैनेजमेंट ने उन पर कार्रवाई करते हुए उन्हें प्रिंसिपल के पद से हटा दिया है।
स्कूल मैनेजमेंट की तरफ से शनिवार को उनसे जवाब मांगा गया था। प्रबंधन की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि हाल ही में यह हमारे ध्यान में आया है कि सोमैया स्कूल में प्रिंसिपल परवीन शेख ने व्यक्तिगत सोशल मीडिया गतिविधियों को पूरी तरह से गलत तरीके से पेश किया गया है। यह हमारे मूल्यों के खिलाफ है। इसमें आगे कहा गया कि सौमेया स्कूल एक शैक्षिक वातावरण देने के लिए पूरी तरह से समर्पित है। यह सभी संस्कृतियों और मान्यताओं का सम्मान करता है।
परवीन शेख ने इसे बताया अवैध
इस मामले पर सौमेया स्कूल की प्रिसिंपल परवीन शेख ने कहा कि वह अपने कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मैं मैनेजमेंट की तरफ से बर्खास्तगी का नोटिस मिलने से पहले ही सोशल मीडिया पर अपनी बर्खास्तगी के बारे में जानकर हैरान रह गई। उन्होंने अपने आप को पद से हटाए जाने को लेकर कहा कि यह पूरी तरह से अवैध है। परवीन शेख ने कहा कि मैंने स्कूल को अपना 100 प्रतिशत दिया है।
इजरायल-हमास युद्ध को लेकर सोशल मीडिया पर की पोस्ट
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, परवीन शेख ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फिलिस्तीन और हमास-इजरायल युद्ध पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने हमास के समर्थन में पोस्ट किया था। इसके बाद उन पर ‘हमास-समर्थक’, ‘हिंदू विरोधी’ और ‘इस्लामवादी उमर खालिद’ का समर्थक होने का आरोप लगाया गया था। परवीन शेख ने पहले कहा था कि 26 अप्रैल को हुई मीटिंग में स्कूल मैनेजमेंट ने कहा कि यह उनके लिए एक बहुत की कठिन फैसला है और उन्होंने मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहा। मैने कुछ दिनों तक काम करना जारी रखा, लेकिन मैनेजमेंट की तरफ से मुझ पर बार-बार दबाव डाला गया।
शेख ने कहा कि मैं लोकतांत्रिक भारत में रहती हूं और मुझे अपने विचार रखने की पूरी आजादी है। यही तो लोकतंत्र की प्रमुख आधारशिला है। उन्होंने आगे कहा कि यह मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी अभिव्यक्ति इस तरह की दुर्भावनापूर्ण भावनाओं को भड़काएगी और मेरे खिलाफ इस तरह के एजेंडे एक्टिव हो जाएंगे।