छत्तीसगड़

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद ने राधिका को भेजा मानहानि का नोटिस

रायपुर.

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का राधिका खेड़ा विवाद मामले में बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने राधिका खेरा को मानहानि का नोटिस भेजा है। खेड़ा को चुनौती देते हुए कहा कि मेरा और उनका नार्को टेस्ट नार्को टेस्ट हो जाय पता चल जायेगा कौन झूठ बोल रहा और कौन सही।  इससे पहले  कांग्रेस कार्यालय  राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि मैं बेहद आहत मन से यह पत्रकार वार्ता बुलाया हूं।

एआईसीसी की मीडिया कोर्डिनेटर राधिका खेड़ा ने मुझ पर बहुत सारे अनर्गल तथ्यहीन मिथ्या आरोप लगाये है। मेरी चरित्र हत्या करने का प्रयास किया है। मुझ पर यह आरोप लगया कि मैंने उनको शराब ऑफर किया जबकि सारा छत्तीसगढ़ जानता है जो लोग मुझे जानते है वे विश्वास नहीं कर सकते कि मैंने कोई अभद्रता की होगी। जहां तक शराब ऑफर का सवाल है मैं तो क्या मेरे पूरे खानदान में किसी ने आज तक शराब नहीं पिया है।

शुक्ला ने इन आरोपों का किया खंडन —-

0- वे झूठ बोल रही है कि हमने या हमारे साथी ने उनको शराब ऑफर किया।
0- हमने कभी उनका दरवाजा ठोका, यह भी भद्दा आरोप है।
0- हमारे द्वारा हमारे किसी साथी के द्वारा उनके साथ कोई गाली-गलौच नहीं किया।
0- केबिन में कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ।
0- पूरे विवाद का वीडियो उन्होंने बनाया था सार्वजनिक करें।

सुशील शुक्ला का लिखित बयान
पार्टी के अनुशासन और एक मान-मर्यादा के तहत, मैंने अभी तक मेरे और कांग्रेस पार्टी के ऊपर राधिका खेड़ा के लगाए गए आरोप पर कुछ नहीं कहा था, लेकिन अगर मैं बेबुनियाद आरोपों का तथ्यात्मक उत्तर नहीं दूंगा, तो मेरी खामोशी, सत्य को उभरने से रोकेगी,

मैं सत्य के पक्ष में 7 बिंदूएं रखना चाहता हूं –
0- मैं एक पारिवारिक व्यक्ति हूं। राधिका खेड़ा  के गलत बयानों के वजह से ना सिर्फ मुझे पर मेरी धर्मपत्नी, बच्चों, और परिवार के बुजुर्गों को मानसिक रूप से गंभीर पीड़ा पहुंची है। ईश्वर इस बात का साक्षी है की मैने जीवन में आज तक किसी भी महिला का किसी भी प्रकार से अपमान नहीं किया है। अगर राधिका खेड़ा जी इस संदर्भ में मेरे ऊपर कुछ भी आरोप लगाती हैं, तो पूरे मामले की तत्काल FIR दर्ज होनी चाहिए और हम दोनों की नार्को टेस्ट सहित पुलिस प्रशासन विस्तृत जांच होनी चाहिए। यह सत्य उभर के आएगा की राधिका खेड़ा जी का हर वाक्य, हर कदम भाजपा के कहने पर हो रहा है।
0- यह सत्य है की कुछ दिनों पहले, मीडिया विभाग के कार्य से संबंधित मेरी राधिका खेड़ा जी से बहस हुई थी। मूल तौर पर मेरा उनसे इतना कहना था की अन्य राज्यों तथा एआईसीसी के नेताओं के कार्यक्रम वह बिना PCC तथा मीडिया विभाग के अनुमति या कम से कम चर्चा किए बिना ना करें। मैने यह भी कहा था की मेरे से विचार विमर्श किए बिना किसी भी मीडिया संबंधित कार्यक्रम तय करने से प्रभारी के पद की मानहानि होती है। अतः अगर वह इसी प्रकार काम करना चाहती हैं, तो वह एआईसीसी के नेतृत्व द्वारा मुझे मेरे पद से हटवा दें या मुझसे मेरा इस्तीफा मांग लें।
0- सत्य यह है की यह नौबत इसी लिए आई क्योंकि राधिका पिछले कई महीनों से छत्तीसगढ़ के 5 सितारा मैरियट होटल में रह रही हैं और लगातार प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के कार्य में हस्तक्षेप करते आ रही हैं। इससे PCC कार्यालय तथा मीडिया के काफी साथी भी परेशान थे क्योंकि वह बिना किसी से चर्चा किए, अकेले ही मीडिया के कार्यक्रमों का निर्णय लिया करती थी। इससे कोऑर्डिनेशन में बहुत दिक्कत होती थी।
0- सत्य यह है की एक दो बार जब मैंने राधिका से इस बारे में चर्चा करने की कोशिश करी तो उन्होंने बहुत ही अहंकार भरा जवाब दिया था। उन्होंने मुझे व्यक्तिगत तौर पर वार्निंग दी की वह मेरा मीडिया और पार्टी में भविष्य खराब कर देंगी।
0- सत्य यह है की राम मंदिर का अपने निजी राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करना राम लला का भारी अपमान है। मेरा मानना है की क्योंकि उनकी मनमानी चलने पर मैंने सवाल उठाए और पार्टी के नेतृत्व ने उन्हें सबको साथ में ले कर चलने को कहा, इस बात का बुरा मान कर वह पार्टी छोड़ कर गई हैं।
0- सत्य यह है की मेरी व्यक्तिगत चर्चाओं में राधिका खेड़ा ने कई बार ऐसे संकेत दिए की  उन्हें पार्टी के तरफ से आर्थिक मदद दिलवाई जाए। मैंने इसका हर स्तर पर विरोध किया क्योंकि मुझे यह आभास था की पार्टी फंड का यह अपने 5 सितारा होटल के खर्चे जैसी चीजों में उपयोग करेंगी। पार्टी को जब उचित लगता है, मीडिया में इश्तिहार देने का निर्णय लिया जाता है। इससे अधिक जो राधिका की मांग थी, उसमे मुझे उनका घोर स्वार्थ दिखता था।
0- सत्य यह है की मुझे अरविंदर सिंह लवली के भाजपा में जाने के बाद से लगने लगा था की शायद एक सोची समझी रणनीति के तहत भाजपा की ओर से राधिका खेड़ा जी को कांग्रेस से इस्तीफा दिलवाया जाएगा। इसलिए मैने पिछले कुछ दिनों से राधिका खेड़ा के हर बात को नहीं माना और पार्टी को हानि पहुंचाने से रोका। मुझे लगता है इसी वजह से राधिका के अहंकार को ठेस पहुंची और उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया है। मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर वह आने वाले समय में भाजपा ज्वॉइन कर लेंगी।
0- मेरी खामोशी मेरी अनुशासन और शालीनता का प्रमाण है, मेरी कमज़ोरी का नहीं। मैं हर प्रकार के जांच अथवा कार्रवाई के लिए तैयार हूं ताकी मीडिया में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला खत्म हो।
0- मैं आज मानहानि का लीगल नोटिस राधिका खेड़ा जी को भेजूंगा और कानूनी तौर पर इस मामले को आगे बढ़ाऊंगा।

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