कांग्रेस छोड़ हुई भाजपा में शामिल निर्मला सप्रे, मध्यप्रदेश में कांग्रेस को फिर लगा तगड़ा झटका
भोपाल
इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी में मानो भगदड़ सी मची है। देश के अलग-अलग हिस्सों से कांग्रेस पार्टी के नेता लगातार पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं। अब मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। सागर जिले में कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने हाथ का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है। बीजेपी में शामिल होने के बाद निर्माल सप्रे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की जमकर तारीफ भी की है।
निर्मला सप्रे ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम मोहन यादव के पास विकास का एजेंडा है। मैं विकास की राह में शामिल हुई हूं। कांग्रेस के पास भविष्य का कोई एजेंडा नहीं है। उसके पास भविष्य में विकास की कोई आशा नहीं है।' निर्मला सप्रे सागर जिले की बिना विधानसभा सीट से विधायक हैं। मध्य प्रदेश के सीएम डॉक्टर मोहन यादव समेत अन्य पार्टी नेताओं की मौजूदगी में निर्मला सप्रे ने बीजेपी का दामन थामा है।
सागर जिले में एक भीड़ को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि वो (राहुल गांधी)को खुद नहीं पता कि वो क्या करने जा रहे हैं। साल 2004 से साल 2014 तक कांग्रेस पार्टी ठीक से शासन कर रही थी लेकिन जैसे ही राहुल गांधी को लॉन्च किया गया विकास खत्म होने लगा। साल 2019 में उन्हें फिर से लॉन्च किया गया। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया गया लेकिन उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा।
निर्माल सप्रे एससी वर्ग से आती है। सागर जिले में वो कांग्रेस की एकमात्र विधायक थीं। अब निर्मला सप्रे के बीजेपी में शामिल हो जाने के वाद यहां से कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। लोकसभा चुनाव के बीच निर्मला का बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका भी माना जा रहा है। सागर से बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार लता वानखेड़े के समर्थन में सुरखी विधानसभा में के राहतगढ़ में एक चुनावी सभा का आयोजन किया गया था।
निर्मला सप्रे इसी सभा में बीजेपी में शामिल हुई हैं। अपने क्षेत्र में निर्मला सप्रे का कितना प्रभाव है इस बात को इसी से समझा जा सकता है कि उन्होंने राज्य के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और दो बार के विधायक महेश राय को हरा कर जीत हासिल की थी। बता दें कि मध्य प्रदेश में बीजेपी को एक और बड़ा झटका उस वक्त लगा था जब इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नाम वापस ले लिया था।