बिज़नेस

मुंबई में एक जमीन को लेकर गोदरेज परिवार में कलह हुई थी शुरू, कंज्यूमर गुड्स से लेकर रियल एस्टेट तक फैला है बिजनस

नई दिल्ली
 देश के सबसे पुराने और बड़े कॉरपोरेट घरानों में शामिल गोदरेज परिवार (Godrej Family) आखिरकार बंटवारे के लिए सहमत हो गया है। गोदरेज परिवार में एक गुट की अगुवाई आदि गोदरेज (Adi Godrej) और उनके भाई नादिर के हाथों में है जबकि दूसरा गुट उनके चचेरे भाई-बहन जमशेद गोदरेज (Jamshyd Godrej) और स्मिता गोदरेज कृष्णा (Smitha Godrej Crishna) का है। 127 साल पुराने इस ग्रुप का करीब सात अरब डॉलर का बिजनस कंज्यूमर गुड्स से लेकर रियल एस्टेट और इंजीनियरिंग तक फैला है। समझौते के मुताबिक आदि और नादिर गोदरेज के हिस्से में ग्रुप की 5 लिस्टेड कंपनियां आएंगी। इनमें गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज शामिल हैं। वहीं जमशेद और स्मिता को अनलिस्टेड कंपनियां और जमीन मिलेगी।

गोदरेज ग्रुप को बांटने के लिए कई साल से बातचीत चल रही थी लेकिन इसकी औपचारिक शुरुआत अक्टूबर 2021 में हुई थी। परिवार ने तब बताया था कि निमेश कंपानी और उदय कोटक जैसे परिवार से जुड़े बैंकरों और AZB & Partners के जिया मोदी (Zia Mody) और सिरिल श्रॉफ (Cyril Shroff) जैसे लीगल एक्सपर्ट्स से सलाह मशविरा किया जा रहा है। Godrej Industries और Godrej & Boyce ने एक संयुक्त बयान में कहा था कि गोदरेज परिवार शेयरहोल्डर्स के लिए बेस्ट वैल्यू सुनिश्चित करने के लिए लॉन्ग टर्म स्ट्रैटजिक प्लान पर काम कर रहा है। गोदरेज ग्रुप की शुरुआत 127 साल पहले 1897 में ताला बनाने वाली कंपनी के तौर पर हुई थी। कंपनी ने 1918 में दुनिया का पहला वेजिटेबल ऑयल साबुन लॉन्च किया था। इस समय बिजनस की कमान परिवार की चौथी पीढ़ी के हाथों में है।

कैसे शुरू हुआ कलह

आदि गोदरेज परिवार में यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में थे लेकिन परिवार की नई पीढ़ी के लोग मालिकाना हक को लेकर स्पष्टता चाहते थे। परिवार के सभी सदस्यों की एकदूसरे की कंपनियों में हिस्सेदारी है और बोर्ड में रिप्रजेंटेशन है। परिवार के सदस्यों और फैमिली ट्रस्ट्स के बीच बहुत ज्यादा क्रॉस-होल्डिंग्स है जिन्हें अलग करने की जरूरत है। इसलिए यह बंटवारा एक जटिल प्रक्रिया है। यही वजह है कि इसमें एक लंबा समय लग रहा है। साल 2019 में खबर आई थी कि मुंबई के उपनगरीय इलाके विक्रोली में 1000 एकड़ जमीन को लेकर गोदरेज परिवार में विवाद की शुरुआत हुई थी। इसके बाद परिवार में कलह बढ़ता चला गया। बिजनस स्ट्रैटजी और नई पीढ़ी की भूमिका को लेकर भी परिवार में गहरे मतभेद थे।

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