मध्यप्रदेश

ई- बसों के परिचालन से डीजल पर घटेगी निर्भरता, प्रदूषण रोकने में भी होगी आसानी

भोपाल
 मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में जल्द ही लग्जरी बसें दौड़ते हुए दिखाई देंगी। खास बात यह है कि ये बसें न डीजल से चलेंगी, न पेट्रोल से, न ही बैटरी से। यह ई—बसें होंगी, जो कि इलेक्ट्रिक पद्धति से चलते हुए दिखाई देंगी। मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग इसकी कार्ययोजना तैयार कर रहा है।

6 शहरों को मिली है मंजूरी

विभाग के एक अधिकारी ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि आचार संहिता से पहले ही कैबिनेट बैठक हुई थी। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की थी। इसमें पीएम ई बस सेवा के अंतर्गत प्रदेश के 6 बड़े शहरों में इसके संचालन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई थी। विभाग उसी फैसले के क्रियान्वयन के लिए रणनीति बना रहा है।

सड़कों पर जल्द दिख सकती हैं

आचार संहिता के हटते ही यह बसें सड़कों पर दौड़ते हुए दिखाई दे सकती हैं। नगरीय प्रशासन विभाग के अनुसार यह इलेक्ट्रिक बसें, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर नगर निगम क्षेत्रों में चलाई जाएंगी। पहले चरण में 552 ई बसों का संचालन किया जाना संभावित है।

सस्ता होगा किराया

अधिकारियों के अनुसा ई-बसों के संचालन के बाद यात्री किराए में बीस से तीस फीसदी तक की कमी हो सकती है। इसके साथ ही डीजल पर निर्भरता भी घटेगी और प्रदूषण रोकने में भी आसानी होगी।

किस शहर को मिली कितनी बसें

इंदौर को 150, भोपाल को 100, ग्वालियर 70, जबलपुर 100, उज्जैन 100 और सागर को 32 ई-बसें (City Bus) मिलेंगी। प्रस्ताव की निविदा केन्द्र सरकार जारी करेगी। संचालन कर्ता राज्य को केन्द्र सरकार की ओर से गारंटी मिलेगी।

   नगर निगम करेगा बसों का संचालन

बसों का संचालन संबंधित नगर निगम करेगी। बसों (City Bus) में ड्राइवर एवं कन्डक्टर की सेवाएं ऑपरेटर द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। यात्री किराया और विज्ञापन की राशि से मिलने वाला राजस्व भी संबंधित नगर निगम को मिलेगा।

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