राजनीति

अमेठी पारंपरिक सीट पर केएल शर्मा का पहला चुनाव, बनाया उमीदवार, गांधी-नेहरू परिवार के 47 साल के रिश्ते पर ब्रेक

अमेठी
अमेठी से गांधी नेहरू परिवार के 47 साल पुराने रिश्ते पर एक बार फिर से ब्रेक लग गया है। पार्टी ने यहां से राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ काम कर चुके किशोरी लाल शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। किशोरी लाल शर्मा ने इससे पहले कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है। दरअसल 1977 में संजय गांधी के यहां से चुनाव लड़ने के बाद यह गांधी-नेहरू परिवार के राजनैतिक वारिसों के पॉलिटिकल डेब्यू की सीट बन गई। देश-दुनिया में अमेठी की पहचान गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ के रूप में होने लगी। संजय गांधी 1977 में पहला चुनाव हार गए थे लेकिन उसके बाद संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचते रहे।

1980 से 1991 तक संजय गांधी और राजीव गांधी यहां से जीते। राजीव की मौत के आठ साल बाद सोनिया यहां से 1999 में पहली बार लड़ीं और जीतीं। 2004 से राहुल गांधी इस सीट से जीत रहे थे जिनको 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी ने हरा दिया। केएल शर्मा लंबे समय से अमेठी-रायबरेली में नेहरू-गांधी परिवार की आंख और कान बनकर काम करते रहे हैं। अमेठी और रायबरेली इलाके की जनता के लिए गांधी परिवार का दरवाजा केएल शर्मा ही रहे हैं। इस लिहाज से उनकी जमीनी पकड़ मजबूत है। कांंग्रेस ने यही सब जोड़कर इस बार केएल शर्मा को लड़ाया है।
 
शुक्रवार की सुबह अमेठी में नामांकन दिवस के आखिरी दिन कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस खत्म किया। लगभग 7:45 बजे किशोरी लाल शर्मा को अमेठी से उम्मीदवार बनाया गया। सूची आने के बाद कांग्रेस कार्यालय में हालांकि कोई उत्साह देखने को नहीं मिला। किशोरी लाल शर्मा 1984 में राजीव गांधी के साथ तिलोई के कोऑर्डिनेटर बनकर अमेठी आए थे। यहां वह राजीव गांधी के विकास कार्यों को देखा करते थे इसके बाद में जगदीशपुर के कोऑर्डिनेटर बनाए गए। कैप्टन सतीश शर्मा जब अमेठी सांसद बने तो शर्मा उनके प्रतिनिधि हुआ करते थे। सोनिया गांधी अमेठी आईं तो किशोरी लाल उनके भी प्रतिनिधि रहे। उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी दोनों के प्रतिनिधि का दायित्व निभाया है।
 
2012 में वह रायबरेली में सोनिया गांधी का काम देखने लगे। पार्टी ने उनके कार्य को देखते हुए उन्हें राष्ट्रीय सचिव भी बनाया था। उन्हें बिहार का प्रभारी भी बनाया गया। हालांकि अमेठी में कार्यकर्ताओं की जबरदस्त डिमांड थी कि गांधी परिवार का ही कोई चुनाव लड़े। ऐसे में शर्मा का नाम सूची में आने के बाद कार्यकर्ताओं में उतना उत्साह देखने को नहीं मिला। फिलहाल केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय में तैयारी कर ली गई हैं। बताया जा रहा है कि नामांकन कार्यक्रम में प्रियंका गांधी भी शामिल होंगी।

 

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