राजनीति

कांग्रेस की नीयत में खोट, इसलिए नहीं दिया पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा -प्रहलाद पटेल

भोपाल.
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश सरकार के मंत्री प्रहलाद पटेल ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी के स्टेट मीडिया सेंटर में पत्रकारवार्ता को संबोधित किया। पटेल ने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन का हिडन एजेंडा है- एससी, एसटी और ओबीसी का हक छीन कर अपने चहेतों को देना। कांग्रेस दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का हिस्सा मुस्लिमों को देना चाहती है। पटेल ने कहा कि कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण और बहुसंख्यक वर्ग के विरोध की मंशा व्यापक रूप से जनता के सामने आ गई है।

कांग्रेस का यह षडयंत्र देश को कमजोर करने वाला, संवैधानिक मान्यताओं को चकनाचूर करने वाला है, जिसकी जितनी निंदा की जाए, वह कम है। हमारे संविधान निर्माता ने जिस धर्म आधारित आरक्षण को स्वीकार नहीं किया था, उसकी बात करके कांग्रेस पार्टी अपनी चुनावी लाभ के लालच में देश के संविधान को दरकिनार कर रही है। कांग्रेस कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि देश के संसाधनों पर पहला हक गरीबों का है। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के इस प्रयास को कभी सफल नहीं होने देगी और देश के बहुसंख्यक समाज, दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को भी इसके खिलाफ खड़ा होना होगा।

पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा न देना कांग्रेस का षडयंत्र
वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश सरकार के मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने देश की आजादी के बाद से दो रास्ते चुने थे। इनमें से एक था अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण और दूसरा बहुसंख्यकों के प्रति दुराव। एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों पर डाका डालने की कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। यहां तक कि बाबा साहब अंबेडकर ने भी 27 अक्टूबर 1951 को यह कहा था कि पं. नेहरू हमेशा मुसलमानों के पक्ष में रहते हैं। अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की कांग्रेस की नीति के बारे में तो देश पहले से जानता है, लेकिन कांग्रेस ने अभी जो मुस्लिम आरक्षण की बात की है, उससे बहुसंख्यक समाज के खिलाफ कांग्रेस की मंशा भी देश के सामने आ गई है।

पटेल ने कहा कि 11 अगस्त, 2018 के ऐतिहासिक दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया था। बहुसंख्यक समाज और पिछड़ों के प्रति कांग्रेस की मंशा का सबसे बड़ा प्रमाण यही है कि संविधान में उल्लेख होने के बावजूद कांग्रेस ने 2018 के पहले पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया, जबकि देश में दशकों तक कांग्रेस की सरकारें रहीं। इसके पीछे कांग्रेस का यह षडयंत्र था कि कांग्रेस शासित राज्य अपनी मनमर्जी से आयोग बनाकर पिछड़ों के अधिकारों से खिलवाड़ करते रहें।

मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए दलित, पिछड़ों, आदिवासियों के हक छीने
पटेल ने कहा कि 1993 में पिछड़ा वर्ग आयोग बन जाने के बावजूद 2004 में आंध्रप्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने मुस्लिमों को 7 से 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया, जबकि वहां मुस्लिम आबादी सिर्फ 9.5 फीसदी थी। कांग्रेस सभी मुसलमान जातियों को ओबीसी यानी सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़ा बता रही है। कांग्रेस ने आंध्रप्रदेश में 4 बार मुस्लिम आरक्षण को लागू करने की कोशिश की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के कारण ऐसा नहीं कर पाई।

कांग्रेस ने 2009 के लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण देने का वादा किया था। कांग्रेस चाहती थी कि ओबीसी आरक्षण के अंदर ही मुस्लिमों के लिए अलग से कोटा हो। 2011 में यूपीए-2 के दौरान अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने ओबीसी कोटा के भीतर 8.4 प्रतिशत सब कोटा का प्रस्ताव रखा, जिसमें मुसलमानों के लिए 6 प्रतिशत आरक्षण भी शामिल था। 2014 के चुनाव में भी कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ऐसी ही बातें की थीं। इस बार भी कांग्रेस यही बात कर रही है। पटेल ने कहा कि कर्नाटक में भाजपा की सरकार ने धर्म पर आधारित आरक्षण समाप्त कर दिया था, लेकिन जब से वहां कांग्रेस की सरकार बनी  है, मुस्लिम आरक्षण की वकालत शुरू हो गई है। मुस्लिम आरक्षण के जरिए कांग्रेस ने सिर्फ पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर ही डाका नहीं डाला, बल्कि दलितों और आदिवासियों के आरक्षण पर भी डकैती डाली है।

कांग्रेस की इस मंशा का सबसे अच्छा उदाहरण है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जहां कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध जाकर एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को समाप्त कर दिया। पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में कहा है कि जाति जनगणना को हम पूरे देश में लागू कर देश का एक्स-रे करेंगे। फाइनेंनशियल और इंस्टीट्यूशनल सर्वे करेंगे। ये पता लगाएंगे कि देश का धन किसके हाथों में है, किस वर्ग के हाथों में है। इसके बाद हम क्रांतिकारी काम शुरू करेंगे। कांग्रेस का ये क्रांतिकारी काला काम यही है कि ये आपका अधिकार, आपका पैसा, आपकी संपत्ति हड़प कर अपने चहेते अल्पसंख्यक वर्ग को सौंप देंगे।

संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए उठ खड़ा हो बहुसंख्यक समाज
कैबिनेट मंत्री पटेल ने कहा कि आज कांग्रेस के नेताओं पर प्रसिद्ध कवि स्व. दिनकर की ये पंक्तियां सटीक बैठती हैं-’जब नाश मनुष्य पर छाता है, तो पहले विवेक मर जाता है।’ यहां पर बात सिर्फ व्यक्तियों या कांग्रेस के नेताओं की ही नहीं है, बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी का विवेक समाप्त हो गया है और पार्टी लगातार अपनी ही गलतियों को दोहरा रही है। पटेल ने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी समाज के अधिकारों पर डाका डालने की कांग्रेस की इस मंशा को ध्वस्त करने के लिए दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के साथ पूरे बहुसंख्यक समाज को खड़ा होना होगा, ताकि हम अपनी संवैधानिक मान्यताओं की और लोकतंत्र की रक्षा कर सकें।

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