शादी-विवाह और तेज धूप के कारण दौसा रिजर्व सीट पर मात्र 55.69 प्रतिशत वोटिंग
दौसा.
दौसा लोकसभा सीट सहित राजस्थान भर में 12 लोकसभा सीटों पर आज मतदान हुआ राजस्थान में लोकसभा के पहले चरण का मतदान सुबह 7 बजे शुरू होकर शाम 6:00 बजे तक संपन्न हुआ। 2024 के लोकसभा चुनाव में दौसा में मतदान का प्रतिशत 55.69 रहा जो कम माना जा रहा है।
दौसा लोकसभा क्षेत्र में सर्वाधिक मतदान बस्सी विधानसभा में 61.07 प्रतिशत हुआ और सबसे कम मतदान लालसोट विधानसभा में 51.40 हुआ है। उधर दौसा लोकसभा के लिए कुल 55.57% मतदान हुआ। यहां दौसा में 60.18, बस्सी 61.07, चाकसू 54.97, बांदीकुई 50.50, सिकराय 54.91, महुवा 52.16, लालसोट 51.40, थानागाजी में 51.41 प्रतिशत मतदान किया गया।
महुवा विधायक राजेन्द्र प्रधान सुबह से ही विधानसभा क्षेत्र के अनेक गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों व मतदाताओं से शादी समारोह में शरीक होने से पहले मतदान के लिए प्रेरित करते रहे। उन्होंने लोगों से अपने संबंधित मतदान बूथ पर जाकर मतदान करने की अपील की। इस दौरान विधायक राजेन्द्र प्रधान ने सुबह से करीबन महवा विधानसभा क्षेत्र के करीबन तीन दर्जन गांव में पहुंचकर समझाइश देकर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास किए।
माना जा रहा है कि मतदान का प्रतिशत कम रहने का एक बड़ा कारण ग्रामीण क्षेत्र में होने वाली शादी-विवाह भी हैं, जिसके चलते लोग शादी विवाह में सारीक होने चले गए और मतदान से वंचित रह गए। दौसा लोकसभा सीट रिज़र्व सीट है, जिसके चलते दोनों ही उम्मीदवारों दोनों ही पार्टियों के स्टार प्रचारक कांग्रेस से सचिन पायलट तो BJP से डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा दाव पर थी, जिसके चलते भी मतदाता पाशोपेश में नजर आया। मतदान कम होने का एक कारण दिनभर तेज धूप होना भी माना जा रहा है। कुल मिलाकर दौसा लोकसभा क्षेत्र के लिए यह मतदान बिल्कुल शांतिपूर्वक रहा। मतदाता भी बड़े आसानी से मतदान केंद्र पर पहुंचकर वोट करते नजर आए। दौसा लोकसभा में दो मतदान केंद्र ऐसे भी थे जहां मतदान के लिए मतदाताओं ने बहिष्कार किया हुआ था। अब परिणाम के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि दौसा लोकसभा क्षेत्र में आखिर मुरारी या कन्हैया दोनों में से कौन बंसी बजा पाएगा।
उधर राजनीति के जानकार मानते हैं कि कम मतदान होने की स्थिति में राजनीति के उन चाणक्य का गुणा भाग बिगड़ गया जो सुबह तक दावा कर रहे थे कि हम मतदान पूरा होने के बाद भविष्यवाणी कर देंगे कि दौसा में आखिर कांग्रेस के मुरारीलाल या बीजेपी की कन्हैया लाल की बंसी बजेगी।