संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती : अमेरिका
भारतीय मूल के प्रोफेसर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती : अमेरिका
रूसी हमले में यूक्रेन में आठ की मौत
ह्यूस्टन
ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के 'कुलेन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग' में सेवारत, 'ग्लोबल एनर्जी' पुरस्कार विजेता, भारतीय मूल के प्रोफेसर कौशिक राजशेखर को जापान की इंजीनियरिंग अकादमी के अंतरराष्ट्रीय फेलो के रूप में चुना गया है। विश्वविद्यालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
इस संबंध में जारी बयान में कहा गया कि मूल रूप से कर्नाटक के एक छोटे से गांव के रहने वाले प्रोफेसर कौशिक राजशेखर को बिजली रूपांतरण और परिवहन के विद्युतीकरण में उनके योगदान के लिए चुना गया हैं।
अकादमी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय फेलो के रूप में राजशेखर का चयन विशेष रूप से ''उस ऊर्जा में उनके उत्कृष्ट वैज्ञानिक अनुसंधान और वैज्ञानिक-तकनीकी क्षेत्र में उनके योगदान का सम्मान करता है जो संपूर्ण मानव जाति के हित में पृथ्वी पर ऊर्जा स्रोतों के लिए अधिक दक्षता और पर्यावरणीय सुरक्षा को बढ़ावा देती है।''
राजशेखर ने कहा, ''जापान की इंजीनियरिंग अकादमी के अंतरराष्ट्रीय फेलो के रूप में चुने जाने पर मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह एक ऐसी उपलब्धि है जिसका मैं बहुत सम्मान करता हूं। '' राजशेखर को 2022 में 'ग्लोबल एनर्जी एसोसिएशन' ने अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा के क्षेत्र के सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार 'ग्लोबल एनर्जी पुरस्कार' से सम्मानित किया था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती : अमेरिका
वाशिंगटन
अमेरिका की एक शीर्ष राजनयिक ने भारत के इस रुख का समर्थन किया है कि 70 साल पहले की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती और उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन जी-4 सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष निकाय का स्थायी सदस्य बनाने का समर्थन करता है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने तोक्यो में एक भाषण के दौरान संकेत दिया कि सुरक्षा परिषद में रूस और चीन ही केवल ऐसे देश हैं जो संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय शक्तिशाली शाखा के विस्तार का विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ''पहले अमेरिका, चीन और रूस इस बात पर सहमत थे कि हम सुरक्षा परिषद में बदलाव नहीं देखना चाहते, लेकिन 2021 में अमेरिका ने अपने इस रुख में बदलाव किया और हमने स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा परिषद और व्यापक रूप से संयुक्त राष्ट्र में सुधार महत्वपूर्ण है।''
ग्रीनफील्ड ने कहा, ''70 साल पहले की सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती। हमारे पास 193 (सदस्य देश) हैं। परिषद में अफ्रीका के पास स्थायी सीट नहीं है, लातिन अमेरिका के पास स्थायी सीट नहीं है और दुनिया भर के कई अन्य देशों और क्षेत्रों का परिषद में उचित प्रतिनिधित्व नहीं है।''
उन्होंने कहा, ''हमने तथाकथित जी-4 के सदस्यों – जापान, जर्मनी और भारत (और ब्राजील) के साथ अपनी चर्चा में स्पष्ट कर दिया है कि हम सुरक्षा परिषद में उनके स्थायी सदस्य बनने का समर्थन करते हैं।''
भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए वर्षों से जारी प्रयासों में सबसे आगे रहा है। उसका कहना है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में जगह पाने का हकदार है और परिषद अपने मौजूदा स्वरूप में 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती। यूएनएससी के इस समय पांच स्थायी सदस्य हैं – चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका। केवल स्थायी सदस्यों के पास ही वीटो का इस्तेमाल करने की शक्ति होती है।
रूसी हमले में यूक्रेन में आठ की मौत
कीव
दक्षिणी यूक्रेन में तड़के रूसी हमले में आठ लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
क्षेत्र के गवर्नर सेरही लिसाक ने टेलीग्राम पर बताया कि हमले में राजधानी निप्रो में दो लोग मारे गए और 15 घायल हो गए। इस दौरान पांच मंजिला एक इमारत ध्वस्त हो गई। रेलवे स्टेशनों को भी निशाना बनाया गया। डीनिप्रो में मुख्य रेलवे स्टेशन बंद कर दिया गया और लंबी दूरी की ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया।
गृह मंत्री इहोर क्लिमेंको के अनुसार, हमले में सिनेलनीकोव शहर में भी छह लोग मारे गए। इनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि पावलोह्रद में एक फैक्ट्री और क्रिवी रिह में एक इमारत क्षतिग्रस्त हो गई।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लादिमिर जेलेंस्की ने टेलीग्राम पर लिखा कि अगर उनके सहयोगी उनकी मदद करें, तो इजराइल की तरह ही यूक्रेन में भी हवाई हमले रोके जा सकते हैं।
गवर्नर लिसाक ने कहा कि यूक्रेनी वायु रक्षा प्रणाली ने नौ रूसी मिसाइलों को मार गिराया।
लिसाक ने कहा, रूसी सैनिकों ने निप्रो नदी के पार निकोपोल जिले पर गोलाबारी की।
यूक्रेनी वायु सेना ने कहा कि ओडेसा के बंदरगाह शहर पर भी काला सागर से मिसाइलों से हमला किया गया।