मूत्र का रंग: इसका महत्व और स्वास्थ्य के संकेत
यूरिन के रंग के दिखने वाले बदलावों को कई बार लोग सामान्य समझ कर अनदेखा कर देते हैं, जो कि गलत है। कई मामलों में बाद में जाकर पता चलता है कि यह बदलाव किसी बीमारी का शुरूआती लक्षण था। इसलिए शरीर में नजर आने वाले किसी भी बदलावों को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।
मायो क्लिनिक की एक रिपोर्ट के अनुसार यूरिन का रंग और उसके बदलाव व्यक्ति का स्वास्थ्य कैसा है, यह दर्शाता है। यह शरीर में कोई इंफेक्शन, विटामिन, खनिज की कमी या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
यूरिन में कलर चेंज के साथ कुछ लोगों को दर्द, जलन और सूजन जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। ऐसे में सही समय पर उपचार करने से कई गंभीर बीमारियों को आगे बढ़ने से भी रोका जा सकता है।
सरसों के तेल के रंग की तरह यूरिन
सरसो के रंग की तरफ यूरिन पास होना और साथ में बदबू भी आना, यह किडनी रोग का संकेत हो सकता है। किसी व्यक्ति को किडनी संबंधी रोग है, तो उसके यूरिन का रंग अक्सर बदल जाता है। गहरे पीले रंग के यूरिन में अर्लट हो जाना चाहिए। यह जॉन्डिस के लक्षणों में से भी एक है।
साफ पीला
यह अक्सर सामान्य और स्वस्थ यूरीन का रंग होता है। जो यह भी बताता है कि व्यक्ति के शरीर में सभी पोषक तत्व सही मात्रा में है। इसलिए, जब यूरीन का रंग साफ पीला होता है, तो यह आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होता है।
यूरिन के साथ ब्लीडिंग
ऐसा हिमेचुरिया नाम की बीमारी से भी हो सकता है इसके मुख्य रूप से तीन से चार लक्षण हैं, जो एक यूरिन के साथ खून आना भी है। इसके अलावा गंभीर यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन होने पर भी यूरिन में ब्लीडिंग, जलन, दर्द और बुखार जैसी समस्या हो सकती है।
सफेद यूरिन
यह अक्सर यूरिन में जरूरत से अधिक पानी शामिल होने के कारण हो सकता है। जरूरत से अधिक पानी पीना भी सेहत के लिए कई बार अच्छा नहीं होता है। ऐसे में यूरिन में भी पानी की मात्रा बढ़ जाती है और किडनी पर भी जोर आता है।
हल्का नीला यूरिन
हल्का नीला यूरिन एक बैक्टीरियल इंफेक्शन का संकेत हो सकता है, विशेष रूप से सिस्टाइटिस ब्लैडर इंफेक्शन और यूरेथ्राइटिस इंफेक्शन का। जिसके बार-बार पेशाब लगना और यूरिन पास के समय दर्द और जलन महसूस करने जैसे लक्षण हो सकते हैं।