ऐतिहासिक भोजशाला में हवन कुंड की सफाई हुई शुरू, खोदाई में पत्थरों पर दिखने लगी आकृति
धार
ऐतिहासिक भोजशाला में 24वें दिन के सर्वे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की टीम ने मुख्य रूप से परिसर में स्थित मुख्य हवन कुंड में सफाई का कार्य शुरू किया। भोजशाला के भीतरी परिसर में जहां खोदाई चल रही थी, वहां अब पत्थर दिखने लगे हैं। पत्थरों पर विभिन्न आकृतियों भी स्पष्ट होने लगी है। टीम इन पत्थरों के बारे में विवरण तैयार करने के साथ इसका दस्तावेजीकरण भी करेगी। उधर, हिंदू पक्ष ने मांग की है कि भोजशाला परिसर के साथ ही 50 मीटर के दायरे में भी वैज्ञानिक आधार पर ही सर्वे किया जाए। इसके लिए आधुनिक मशीन सहित अन्य वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाई जाए।
भोजशाला परिसर में सुबह आठ बजे से टीम ने सर्वे शुरू कर दिया था। टीम के 27 सदस्यों व श्रमिकों ने शाम पांच बजे तक कार्य किया। इसमें मुख्य रूप से हवन कुंड की सफाई की गई है। एक दिन पहले इस स्थान का मापन किया गया था। टीम ने इसमें खोदाई के पूर्व की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
माना जा रहा है कि जल्द ही इस स्थान पर भी खोदाई शुरू होगी। रविवार को भोजशाला के पिछले हिस्से के साथ दाएं और बाएं क्षेत्र में भी कार्य जारी रहा। यहां अब गहरी खोदाई हो रही है। उधर, हिंदू संगठन के आशीष गोयल और गोपाल शर्मा ने बताया कि हमने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से उच्च न्यायालय के आदेश का संदर्भ देते हुए मांग की है कि 50 मीटर के दायरे में भी वैज्ञानिक रूप से सर्वे किया जाए। जिस तरह से भोजशाला के भीतरी और बाहरी परिसर में सर्वे किया जा रहा है, उसी तरह 50 मीटर के दायरे में भी कार्य किया जाए। जहां आवश्यकता हो, वहां पर मशीनों का इस्तेमाल किया जाए।