एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन 30 घंटे से अधिक चला पर नहीं बचा पाया मयंक की जान
रीवा
जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव में 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरे बालक मयंक तक रेस्क्यू टीम पहुंच गई है। उसे बाहर निकाला जा रहा है। जानकारी के अनुसार 6 वर्ष के मयंक की सांसें थम चुकी हैं। त्यौंथर एसडीएम संजय कुमार जैन ने मयंक की मौत की की पुष्टि है और अब त्यौंथर में पोस्टमार्टम करने की तैयारी की जा रही है। बालक को बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया है। डॉक्टरों की निगरानी में उसे एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया है। बच्चा करीब 42 फीट की गहराई में मिला। मयंक तक एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम पहुंच गई, टीम ने उसे मृत बताया है। शव निकालने के बाद डॉक्टर परीक्षण करेंगे।
इससे पहले खुले बोरवेल में फंसे हुए मयंक को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन बचाव टीम देर रात तक इस 6 वर्ष के बच्चे तक नहीं पहुंच सकी थी। बच्चे की लोकेशन का पता नहीं चल पा रहा था। रीवा जिले के जनेह थाना क्षेत्र में ग्राम मनिका में बोरवेल के गड्ढे में गिरे 6 वर्षीय मासूम का 30 घंटे बाद भी पता नहीं चला था। इसके बाद लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा था।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर रहे। बच्चे तक पहुंचने के प्रयास में रेस्क्यू टीम लगी रही। खुदाई के दौरान जलस्तर बढ़ गया था। पंप लगाकर पानी निकालने का प्रयास किया गया ,लेकिन बच्चे को नहीं बचाया जा सका।
दो रातों से नहीं सोए अधिकारी व रेस्कयू टीम
बोर में फंसी जिंदगी को बचाने दो रातों से नही सोए थे अधिकारी व रेस्कयू टीम के लोग, लेकिन ये प्रयास नाकाफी रहे।
कलेक्टर प्रतिभा पाल, एसपी विवेक सिंह, जिप सीईओ सौरभ सोनवाड़े, एएसपी अनिल सोनकर, एसडीएम संजीव जैन, एसडीओपी उदित मिश्रा, थाना प्रभारी कन्हैया बघेल, जनपद सीईओ राहुल पाण्डेय मौके पर मोर्चा संभाले हुए रहे। तीसरे दिन भी रेस्कयू ऑपरेशन चला।