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गैस आधारित बिजली उत्पादन स्टेशनों को एक मई से 30 जून तक अपने संयंत्रों को चालू रखने का निर्देश दिया

बिजली की मांग बढ़ने से सरकार ने सभी गैस आधारित संयंत्रों को दो माह चालू रखने को कहा

गैस आधारित बिजली उत्पादन स्टेशनों को एक मई से 30 जून तक अपने संयंत्रों को चालू रखने का निर्देश दिया

म्यांमा से दालों का आयात करने के लिए भुगतान तंत्र को सरल बनाया गया: सरकार

नयी दिल्ली
 सरकार ने इस बार लंबे समय तक गर्मी रहने के अनुमान के कारण बिजली की मांग में वृद्धि को देखते हुए गैस आधारित सभी बिजली उत्पादन स्टेशनों को एक मई से 30 जून तक अपने संयंत्रों को चालू रखने का निर्देश दिया है।

गैस-आधारित उत्पादन स्टेशनों (जीबीएस) के एक बड़े हिस्से का वर्तमान में, मुख्यत व्यावसायिक कारणों से प्रयोग नहीं हो रहा है।

मंत्रालय ने इस गर्मी (अप्रैल से जून 2024) में 260 गीगावाट अधिकतम बिजली मांग का अनुमान लगाया है। पिछले साल सितंबर में बिजली की अधिकतम मांग 243 गीगावाट के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी।

बिजली मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह आदेश एक मई, 2024 से 30 जून, 2024 तक बिजली उत्पादन और आपूर्ति के लिए वैध रहेगा।

बयान के अनुसार, "गैस-आधारित उत्पादन स्टेशनों से अधिकतम बिजली उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 11 के तहत सभी गैस-आधारित उत्पादन स्टेशनों को निर्देश जारी किए हैं। इनके तहत सरकार के निर्देश पर एक उत्पादन कंपनी असाधारण परिस्थितियों में किसी भी उत्पादन स्टेशन का संचालन और रखरखाव कर सकती है।"

म्यांमा से दालों का आयात करने के लिए भुगतान तंत्र को सरल बनाया गया: सरकार

नई दिल्ली
 सरकार ने कहा कि म्यांमा से दालों का आयात करने वाले व्यापारियों के लिए भुगतान तंत्र को आसान और सरल बनाया गया है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आयातकों को पंजाब नेशनल बैंक के जरिए विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) के जरिए रुपया/क्यात प्रत्यक्ष भुगतान प्रणाली का उपयोग करने को कहा गया है।

भारत घरेलू कमी को पूरा करने के लिए दालों के आयात पर निर्भर है। देश म्यांमा से तुअर और उड़द दाल का आयात करता है।

बयान के मुताबिक उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने म्यांमा से दालों का आयात करने के संबंध में यंगून स्थित भारतीय दूतावास के साथ चर्चा की। इस दौरान संशोधित विनिमय दरों और म्यांमार में आयातकों के स्टॉक जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई।

मंत्रालय ने कहा कि भारतीय दूतावास ने सचिव को बताया कि व्यापार लेनदेन को सरल बनाने के लिए इस साल 25 जनवरी से रुपया/क्यात निपटान तंत्र चालू कर दिया गया है।

सेंट्रल बैंक ऑफ म्यांमा ने 26 जनवरी, 2024 को एसआरवीए के तहत भुगतान प्रक्रियाओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए।

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