खेल-जगत

फर्स्ट सर्व एनजीओ ने युवा टेनिस खिलाड़ियों को सशक्त बनाने के लिए द क्लेरिजेस और मैक्सटेनिस अकादमी से मिलाया हाथ

नई दिल्ली
 द क्लेरिजेस, नई दिल्ली ने फर्स्ट सर्व एनजीओ और मैक्सटेनिस अकादमी के साथ साझेदारी में, अपनी तरह की पहली कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल की घोषणा की, जो भारत में युवा टेनिस सितारों को सलाह देने और टेनिस के खेल को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

सामुदायिक संवर्धन के लिए साझा प्रतिबद्धता से प्रेरित इस पहल की कल्पना रेयान पुंज ने की थी, जो खेल के प्रति उत्साही हैं और सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन के माध्यम के रूप में टेनिस की क्षमता को पहचानते हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाले टेनिस प्रशिक्षण और व्यक्तिगत विकास के अवसर प्रदान करना है।

रेयान पुंज द्वारा स्थापित फर्स्ट सर्व एनजीओ, युवा व्यक्तियों को सशक्त बनाने में खेल, विशेष रूप से टेनिस की परिवर्तनकारी शक्ति का समर्थन कर इसे लोकाचार बनाना है। अपनी पहल के माध्यम से, एनजीओ का लक्ष्य खेल के प्रति प्रेम को बढ़ावा देते हुए अनुशासन, टीम वर्क और लचीलेपन के मूल्यों को स्थापित करना है।

टूर्नामेंट में 4-15 वर्ष की आयु के बच्चों को शामिल किया गया, जिससे उन्हें टेनिस के प्रति अपनी प्रतिभा और जुनून दिखाने का मंच मिला। टूर्नामेंट के अलावा, द क्लेरिजेस ने प्रतिभागियों और दर्शकों के लिए पौष्टिक नाश्ता दिया, जिससे एक समग्र अनुभव सुनिश्चित हुआ जो स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देता है।

रेयान ने कहा, फर्स्ट सर्व एनजीओ और मैं इस सार्थक प्रयास में मैक्सटेनिस अकादमी और द क्लेरिजेस के साथ सहयोग कर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। "खेल की शक्ति के माध्यम से, हमारा लक्ष्य युवा व्यक्तियों के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाना और एक स्वस्थ और अधिक समावेशी समाज के विकास में योगदान करना है।"

इसके अलावा, विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्ति इस अवसर की शोभा बढ़ाते हैं और इस नेक कार्य के समर्थन में दान को प्रोत्साहित करते हैं। उनकी उपस्थिति युवाओं को सशक्त बनाने और परोपकार और सामाजिक जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर देती है।

इस पहल के केंद्र में सामाजिक प्रभाव और युवा सशक्तिकरण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता है। टेनिस की सार्वभौमिक अपील का उपयोग कर द क्लेरिजेस, फर्स्ट सर्व एनजीओ और मैक्सटेनिस अकादमी का लक्ष्य नई पीढ़ी के युवाओं को प्रेरित करना है जो अपने समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाएंगे।

 

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