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भारतीय पर्यटकों के झटके से नहीं निकल पा रहा मालदीव, सैलानियों को लुभाने भारत में रोड शो करवाएगा

नई दिल्ली

भारत के साथ रिश्तों को तनावपूर्ण बनाकर मालदीव ने अपने पैरों पर ही कुल्हाड़ी मार ली है. मालदीव में भारतीय सैलानियों की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से कमी आ गई है. इसका असर मालदीव की इकोनॉमी पर पड़ रहा है. अब मालदीव की एक बड़ी टूरिज्म संस्था ने भारतीय पर्यटकों को रिझाने के लिए भारत के बड़े शहरों में रोड शो करने का फैसला किया है. ताकि मालदीव को लेकर भारतीय पर्यटकों के बीच धारणा बदली जा सके और उन्हें एक बार फिर से मालदीव भ्रमण के लिए प्रेरित किया जा सके.

बता दें कि चारों ओर समुद्र से घिरे मालदीव की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार पर्यटन ही है. यहां बड़ी संख्या में भारतीय छुट्टियां मनाने के लिए जाते हैं. लेकिन इस स्थिति में बदलाव तब आया जब राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपने चुनावी अभियान में 'इंडिया आउट' का नारा दिया. इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ते चले गए. मालदीव ने अपने यहां से भारतीय सैनिकों को भी बाहर निकालने का आदेश जारी कर दिया. ये सैनिक वहां असैन्य कामों में लगए हुए थे.

कई मंत्रियों ने की भारत पर अपमानजनक टिप्पणी

इसके कुछ हफ्तों बाद पीएम मोदी ने भारत के लक्षद्वीप से अपनी तस्वीर जारी की. इसके बाद सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप और मालदीव की तुलना की जाने लगी. इसके बाद मालदीव के कई मंत्रियों सहित कुछ अधिकारियों ने भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी.

इसके बाद मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आई. अब मालदीव इस नुकसान की भरपाई करने के लिए कदम उठा रहा है और भारत से रिश्ते ठीक करने में जुटा है.

8 अप्रैल को माले में भारतीय उच्चायुक्त के साथ चर्चा के बाद मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स (MATATO) ने भारत के कई शहरों में रोड शो आयोजित करने सहित यात्रा और पर्यटन सहयोग बढ़ाने की योजना बनाई है.

MATATO ने शुरू की रोड शो की तैयारियां

मालदीव की पर्यटन एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा कि, 'MATATO ने पर्यटन पहल को बढ़ावा देने के लिए मालदीव में भारतीय उच्चायोग के साथ मिलकर सहयोग करने का इरादा व्यक्त किया है, भारत के प्रमुख शहरों में एक व्यापक रोड शो शुरू करने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा आगामी महीनों में इन्फ्लुएंशर और मीडिया को मालदीव के ट्रिप पर ले जाया जाएगा ताकि वे वहां के बारे में जान सकें.

इस एसोसिएशन ने कहा कि भारत मालदीव के पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बना हुआ है, उन्होंने कहा कि वे मालदीव को एक प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए भारत भर के प्रमुख टूरिज्म संस्थाओं और इस इंडस्ट्री के अहम प्लेयर्स के साथ काम करेंगे.

मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों में आई कमी

मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राजनयिक विवाद के बाद इस देश का दौरा करने वाले भारतीय यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है. 2023 में मालदीव का दौरा करने वाले 17 लाख से अधिक पर्यटकों में से अधिकांश भारतीय (2,09,198) थे. इसके बाद रूस और चीन का नंबर था.  हालांकि, राजनयिक तनाव के बाद के हफ्तों में भारतीय सैलानियों की संख्या पांचवें स्थान पर खिसक गई थी.

बता दें कि मालदीव में पिछले साल नवंबर में चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद हाल के दिनों में भारत और मालदीव के बीच संबंधों में खटास बढ़ गई है.

बयान के अनुसार प्रमुख भारतीय शहरों में रोड शो शुरू किया जाएगा. आगामी महीनों में मालदीव में इन्फ्लुएंसर और मीडिया परिचित की मदद से भी मालदीव का प्रचार करेगा.

भारत मालदीव के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटक बाजार है, MATATO का कहना है कि वे मालदीव को एक प्रमुख यात्रा गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए भारत भर के प्रमुख यात्रा संघों और उद्योग हितधारकों के साथ साझेदारी करने के लिए तत्पर हैं.

बता दें सोशल मीडिया पर मालदीव के एक मंत्री और कुछ अन्य नेताओं ने लक्षद्वीप के एक प्राचीन समुद्र तट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो पोस्ट करने के बाद उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. हालांकि, इस विवाद को बढ़ता देख राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने तीन मंत्रियों को उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के बाद निलंबित कर दिया था. इस घटना से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आ गया और कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था.

 

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