पार्श्वनाथ लैंडमार्क डेवलपर्स को राहत एनसीएलएटी ने दिवालिया याचिका खारिज की
नई दिल्ली,
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) ने पार्श्वनाथ लैंडमार्क डेवलपर्स की अनुषंगी कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के लिए पार्श्वनाथ लैंडमार्क डेवलपर्स के चार इकाई खरीदारों द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की प्रधान पीठ के आदेशों को बरकरार रखा, जिसने 17 अक्टूबर 2023 को तकनीकी आधार पर उनकी याचिका खारिज कर दी थी क्योंकि याचिकाकर्ताओं की संख्या केवल चार थी, जबकि पार्श्वनाथ लैंडमार्क द्वारा आवंटितों की कुल संख्या 488 है। मामला रियल एस्टेट कंपनी के दिल्ली स्थित प्रोजेक्ट ला ट्रॉपिकाना खैबर पास से जुड़ा है।
इसके अलावा, अपीलीय न्यायाधिकरण ने फ्लैट खरीदारों की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि वे एक अलग वर्ग के हैं और दिल्ली रेरा के एक आदेश में डेवलपर को 22 अक्टूबर 2022 को ब्याज के साथ राशि वापस करने का निर्देश दिया गया था।
डेवलपर पर आदेश के 45 दिन के भीतर राशि वापस करने का दायित्व था, लेकिन किसी राशि का भुगतान नहीं किया गया। इस प्रकार उसने प्रत्येक याचिकाकर्ता को 10 प्रतिशत ब्याज के साथ 24.14 करोड़ रुपये वापस नहीं करके चूक की थी। उनके अनुसार वे रियल एस्टेट आवंटियों की श्रेणी में वित्तीय ऋणदाता नहीं हैं, लेकिन डिक्री धारकों की श्रेणी में वित्तीय ऋणदाता हैं।
हालांकि, एनसीएलएटी ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का हवाला देते हुए दलीलों को खारिज कर दिया, जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि ''वित्तीय ऋणदाता'' के रूप में आवंटियों की स्थिति नहीं बदलती है।