लोकसभा चुनाव: कर्नाटक में कांग्रेस के मंत्रियो ने खुद चुनाव लड़ने से किया था इनकार, 6 बच्चों को कांग्रेस ने बनाया कैंडिडेट
बेंगलुरु
लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के मंत्रियों के छह बच्चे चुनावी मैदान में अपनी राजनीतिक किस्मत आजमा रहे हैं और इन नेताओं के प्रचार के कारण माहौल काफी दिलचस्प नजर आ रहा है। राज्य के मंत्री एसएस मल्लिकार्जुन की पत्नी प्रभा मल्लिकार्जुन भी चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस ने कई मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारने की भरपूर कोशिश की लेकिन किसी भी मंत्री ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई, अलबत्ता उन्होंने अपने परिजन को टिकट दिए जाने का प्रस्ताव पेश किया।
पार्टी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि अब कांग्रेस नेतृत्व का इन मंत्रियों को कड़ा संदेश है कि अब करके दिखाओ। इस प्रकार से पार्टी ने इन मंत्रियों पर अपने बच्चों अथवा रिश्तेदारों को जिताने का दारोमदार सौंप दिया है। कांग्रेस ने 2019 के आम चुनाव में कर्नाटक में केवल एक सीट हासिल की थी लेकिन इस बार पार्टी ने 15 से 20 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। राज्य की 28 लोकसभा सीटों पर दो चरणों में 26 अप्रैल और सात मई को चुनाव होंगे।
लक्ष्मी हेब्बालकर, ईश्वर खांदरे और एचसी महादेवप्पा के बेटे – मृणाल रवींद्र हेब्बालकर, सागर खांदरे और सुनील बोस को क्रमशः बेलगावी (बेलगाम), बीदर और चामराजनगर से चुनाव मैदान में उतारा गया है। वहीं सतीश जारकीहोली, शिवानंद पाटिल और रामलिंगा रेड्डी की बेटियों – प्रियंका जारकीहोली, संयुक्ता पाटिल और सौम्या रेड्डी – क्रमशः चिक्कोडी, बागलकोट और बेंगलुरु दक्षिण से चुनाव लड़ रही हैं। मंत्री एसएस मल्लिकार्जुन की पत्नी और पार्टी के वरिष्ठ नेता शमनूर शिवशंकरप्पा की बहू प्रभा दावणगेरे से पार्टी की उम्मीदवार हैं।
पार्टी से जुडे़ एक सूत्र ने कहा, ''करो या मरो वाले इन हालात में भी मंत्रियों को ये लोकसभा चुनाव अपने बच्चों को लॉन्च करने के मौके सरीखा प्रतीत हो रहा है। हमें यह देखना है कि ये मंत्री अपने लक्ष्य में कैसे सफल होते हैं।’’ इन उम्मीदवारों में सौम्या रेड्डी को छोड़कर किसी को भी चुनावी राजनीति का अनुभव नहीं है। सौम्या रेड्डी विधायक रह चुकी हैं।
पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष एम मल्लिकार्जुन खरगे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि को परिवार के गृह क्षेत्र कलबुर्गी (गुलबर्गा) से मैदान में उतारा है। खरगे के बेटे और मंत्री प्रियांक खरगे ने इस क्षेत्र में अभियान की कमान संभाली है, जहां उनके पिता 2019 के आम चुनाव में हार गए थे। कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘‘प्रियांक इस चुनाव को प्रतिष्ठा के मुद्दे के रूप में ले रहे हैं क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष यहीं से हैं और उन्होंने पहले भी लोकसभा में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।’’