छत्तीसगड़

शौर्य दिवस पर शौर्य ,पराक्रम, साहस, और बलिदान का किया सम्मान

दंतेवाड़ा

231 बटालियन जावंगा गीदम दंतेवाड़ा के मुख्यालय प्रांगण में सीआरपीएफ का 59वाँ शौर्य दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत बल के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि एवं श्रद्धा-सुमन अर्पित की गई। कार्यक्रम में श्री सुरेन्द्र सिंह कमाण्डेंट, श्री जयन पी. सैमुअल (द्वितीय कमान अधिकारी), श्री मुनीश कुमार (द्वितीय कमान अधिकारी), श्री रवि प्रकाश सुनकर (चिकित्सा अधिकारी) और अधीनस्थ अधिकारियों एवं जवानों द्वारा बटालियन में निर्मित शहीद स्मारक पर बल के शहीदों को श्रद्धांजलि एवं सुमन अर्पित करते हुए उनके बलिदान को नमन किया, तथा क्वार्टर गार्ड पर कमाण्डेंट को सलामी दी गई।

इसके पश्चात सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसके दौरान श्री सुरेन्द्र सिंह कमाण्डेंट 231 बटालियन ने जवानों को संबोधित करते हुए सभी जवानों को बताया कि 9 अप्रैल 1965 के ही दिन भारत पाकिस्तान के युद्ध के दौरान गुजरात के कच्छ में सरदार पोस्ट पर तैनात सीआरपीएफ की दूसरी वाहिनी की एक छोटी सी टुकड़ी ने इतिहास रचते हुए 34 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया एवं चार सैनिकों को जीवित पकड़कर शानदार बहादुरी और रणनीति का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान की 3500 जवानों की ब्रिगेड को खदेड़ते हुए हमले को सफलता पूर्वक नाकाम कर दिया।

सरदार पोस्ट पर हुए इस अनोखी लड़ाई में सीआरपीएफ के छह जवान शहीद हो गए थे। साथ ही कमाण्डेंट महोदय द्वारा वर्तमान के बदलते परिदृश्य में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की चुनौतियों एवँ देश में शाँति व सद्भाव बनाये रखने बल की महत्वपूर्ण भूमिका से जवानों को अवगत कराया गया और जवानों को इस वीरता दिवस के अवसर पर, हमारे वीर सैनिकों के बलिदान, समर्पण और निष्ठा का सम्मान करने का संकल्प लेते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत रहने व अनुशासन कायम रखते हुए पूर्ण निष्ठा एवँ ईमानदारी से ड्यूटी करने तथा राष्ट्र सेवा करने हेतु प्रोत्साहित किया। बटालियन के प्रांगण में संध्या के समय बालीबाल मैच का भी आयोजन किया गया जिसमें वाहिनी के कार्मिकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कमाण्डेंट महोदय ने सभी खिलाडियों का हौसला बढ़ाया और विजेतओं को पुरस्कार प्रदान किए। रात्रि में सभी कार्मिक बड़े खाने में सम्मिलित हुए।

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