छत्तीसगड़

बघेल के बैलेट से चुनाव के लिए 384 प्रत्याशियों के नामांकन की बात बाद, राजनांदगांव में एक ही दिन में 210 फार्म बिके

राजनांदगांव

 लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन फार्म खरीदने बुधवार को अचानक कलेक्ट्रेट में भीड़ उमड़ पड़ी। संसदीय क्षेत्र के चारों जिलो के सभी ब्लाकों से आए कांग्रेस समर्थित ग्रामीण लाइन में लगकर फार्म जारी करवाते रहे। तय समय तक 210 लोगों के नाम फार्म जारी किए गए। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक रही।

अचानक फार्म खरीदने ग्रामीणों की भीड़ देख प्रशासन भी हड़बड़ा गया। अतिरिक्त टेबल लगाकर लोगों को फार्म जारी किए गए। गुरुवार को नामांकन का अंतिम दिन है। अब तक कुल 241 के नाम फार्म जारी किेए गए हैं। इनमें से 19 जमा किए जा चुके हैं। ऐसे में देखना होगा कि इनमें से कितने लोग नामांकन फार्म जमा करते हैं।

384 अभ्यर्थी होने पर EVM के बजाय मतपत्र से करानी पड़ेगी वोटिंग

नामांकन को लेकर थोक में पहुंची भीड़ को कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल के ईवीएम के खिलाफ उस आह्वान से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा था कि अधिक से अधिक फार्म भरा जाए। 384 अभ्यर्थी होने पर चुनाव आयोग को ईवीएम के बजाय मतपत्र से वोटिंग करानी पड़ेगी।

बताया गया कि कांग्रेस के ग्रामीण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से सप्ताहभर से फार्म भरने की तैयारी कराई जा रही थी। बैंक खाता खोलने से लेकर अन्य दस्तावेज भी अधिकांश नेे तैयार कर रखा है।जैसे ही फार्म वाला कांउटर खुला, लोग धड़धड़ाकर पहुंचने लगे। कलेक्ट्रेट के अंदर और बाहर भारी भीड़ जुट गई।

मोहला, मानपुर, छुरिया, खुज्जी, कवर्ध, पंडरिया, खैरागढ़, डोंगरगढ़ सभी तरफ के लोग अलग-अलग साधन से पहुंचे थे। उन्हें कांग्रेस के कई पदाधिकारी लाइन-अप करते दिखे। हालांकि इस बारे में न तो कांग्रेस के नेता खुलकर बता रहे थे और न ही फार्म लेने वाले कुछ कह रहे थे। दिनभर में कुल 11 नामांकन पत्र जमा हुए और कुल 210 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र लिया। कुल 13 अभ्यर्थियों के 19 नामांकन मिले और कुल 241 पत्र जारी किए गए हैं।

…तो कराना पड़ेगा मतपत्र से मतदान

इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम के माध्यम से 384 प्रत्याशियों का चुनाव कराया जा सकता है। इससे अधिक होने पर मतपत्र का ही उपयोग करना होगा। चुंकि एक वोटिंग मशीन में नोटा को मिलाकर सिर्फ 16 नाम ही आ सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन दो यूनिट से बनी होती हैं, जिसमें एक कंट्रोल यूनिट है और दूसरा बैलेटिंग यूनिट।

अगर 16 से अधिक (नोटा मिलाकर) उम्मीदवार हैं तो एक बैलेट मशीन से दूसरी वोटिंग मशीन जोड़ दी जाएगी। यानी दो वोटिंग मशीन से चुनाव होगा। इस तरह से उम्मीदवारों की संख्या के अनुसार उसमें वोटिंग मशीन जोड़ दी जाती हैं। एम-2 ईवीएम में नोटा सहित अधिकतम 64 अभ्यर्थियों के चुनाव कराए जा सकते हैंं। यानी चार वोटिंग मशीन तक जोड़ी जा सकती है।

इस तरह चार बैलेटिंग यूनिटों को जोड़कर अधिक से अधिक 64 अभ्यर्थियों के लिए चुनाव कराया जा सकता है। अगर 64 से भी अधिक उम्मीदवार हो तो एम-3 ईवीएम का सहारा लिया जाता है। जिस ईवीएम से 24 बैलटिंग इकाइयों को जोड़कर नोटा सहित अधिकतम 384 अभ्यर्थियों के लिए निर्वाचन कराया जा सकता है।

यानी एक सीट पर 384 तक उम्मीदवार खड़े हो जाए तो अतिरिक्त वोटिंग मशीन लगाकर चुनाव करवाए जा सकते हैं। इससे भी अधिक उम्मीदवार खड़े हो जाए तो मतदान पत्र का इस्तेमाल करना होगा। ईवीएम पर लगातार सवाल खड़े करने वाली कांग्रेस ने इसी मुहिम के तहत कार्यकर्ताओं से फार्म भरने का आह्वान कर रखा है।

करनी होगी अतिरिक्त व्यवस्था

भीड़ बढ़ने पर नामांकन फार्म जारी करने के लिए प्रशासन ने टेबल लगाकर काउंटर तो बढ़ा दिया, लेकिन फार्म जमा करने के लिए कलेक्टर न्यायालय के कक्ष में ही एकमात्र व्यवस्था है। अगर जितने लोगों ने फार्म उठाया है, वे जमा करने पहुंचते हैं तो एक कक्ष में एक ही अधिकारी (जिला निर्वाचन अधिकारी) के लिए इतने फार्म जमा ले पाना संभव नहीं होगा। सभी से अमानत राशि भी लेनी है और उसकी रसीद देनी है।

ऐसे में वैकल्पिक रूप से अतिरिक्त व्यवस्था बनानी पड़ सकती है। इसके लिए विधानसभा क्षेत्रवार नियुक्त निर्वाचन अधिकारियों को बुलवाकर विधानसभावार नामांकन फार्म जमा लेने की व्यवस्था भी करनी पड़ सकती है। जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि अभी फार्म जारी हुए हैं। जमा होनेे के बाद उसकी संख्या अधिक होने पर निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन लिया जाएगा।

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